logo-image

सोनभद्र : विधानसभा चुनाव में पहली बार तीन महिलाएं आजमा रहीं किस्मत

सोनभद्र में पहली बार तीन महिलाएं विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी हैं. देश की आजादी के बाद चुनाव में इसके पहले भी महिला उम्मीदवार मैदान में रही हैं, लेकिन यह नहीं हुआ कि जिले से तीन महिलाएं चुनाव मैदान में हों.

Updated on: 04 Mar 2022, 02:54 PM

highlights

  • सोनभद्र में पहली बार तीन महिलाएं विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी हैं
  • साल 1989 में मीरजापुर से अलग होकर सोनभद्र जिला अस्तित्व में आया
  • जागरूकता बढ़ने से चुनाव में महिला उम्मीदवारों के आने की शुरुआत हुईं

सोनभद्र:

 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में आखिरी और सातवें चरण के लिए सात मार्च को मतदान होने वाला है. वहीं 10 मार्च को मतगणना के साथ नतीजे सामने आएंगे. यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान के बीच महिला प्रतिनिधित्व को लेकर दिलचस्प खबर सामने आई है. सोनभद्र में पहली बार तीन महिलाएं विधानसभा चुनाव मैदान में उतरी हैं. देश की आजादी के बाद चुनाव में इसके पहले भी महिला उम्मीदवार मैदान में रही हैं, लेकिन यह नहीं हुआ कि जिले से तीन महिलाएं चुनाव मैदान में हों.

विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने दुद्धी अनुसूचित जनजाति से बसंती पनिका और घोरावल सामान्य सीट से विदेश्वरी सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. वहीं जनता दल यूनाईटेड ने घोरावल सीट से ही अनीता कोल को टिकट दिया है.  2012 के विधानसभा चुनाव में दुद्धी से रूबी प्रसाद निर्दलीय चुनाव लड़ी और जीती थीं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में गन देवी ऊर्फ ज्ञानी देवी कौमी एकता दल से चुनाव लड़ी थीं. उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था. लोकसभा चुनाव 2019 में रूबी प्रसाद और अनीता कोल मैदान में उतरी थीं, लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा था.

1989 में मीरजापुर से अलग होकर बना जिला

सोनभद्र जिले में यह पहला मौका है जब तीन महिलाएं चुनाव मैदान में हैं. नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि जिले में महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ भी सकती है. साल 1952 से देश में लगातार चुनाव हो रहे हैं. शुरुआत से ही इन चुनावों में सोनभद्र में महिला उम्मीदवारों की शून्य भागीदारी थी. साल 1989 में जब मीरजापुर से अलग होकर नए जिले के रूप में सोनभद्र अस्तित्व में आया तब भी यहां महिलाओं के चुनाव लड़ने की संख्या कम थी. मौजूदा दौर में भी कमोबेश यही हाल कायम है.

साल 2012 में जीतीं निर्दलीय प्रत्याशी

सोनभद्र में कभी विधानसभा या लोकसभा के चुनाव में कोई महिला मैदान में आई भी तो वह अकेली उम्मीदवार रहीं. महिलाओं का चुनाव लड़ने की ओर रूझान न के बराबर थे. बाद के दौर में जागरूकता बढ़ने की वजह से चुनाव मैदान में महिला उम्मीदवारों के आने की शुरुआत हुईं. साल 2012 में दुद्धी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रूबी प्रसाद ने चुनाव में जीत दर्ज की. इसके बाद जिले की सक्रिय राजनीति में शामिल होने को लेकर महिलाओं का उत्साह बढ़ा. इसके बाद साल 2014 में कौमी एकता दल से गन देवी लोकसभा चुनाव लड़ी थीं.

ये भी पढ़ें - मऊ : चारों सीटों पर नहीं जीतीं महिला प्रत्याशी, क्या बदलेगा इतिहास

 2019 में पहली बार जिले में दो महिला प्रत्याशी

लोकसभा चुनाव 2019 में पहली बार जिले में दो महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरीं. इसमें पूर्व विधायक रूबी प्रसाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया और जनता दल यूनाइटेड से अनीता कोल मैदान में थीं.  विधानसभा चुनाव 2022 में जिले की सीटों पर तीन महिला प्रत्याशी सामने आई हैं. इसको लेकर महिला मतदाताओं में उत्साह बढ़ा है. साथ ही जिले में यह राजनीतिक चर्चा का विषय बना है.