81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच 5 चरणों में मतदान होना है. पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख समाप्त हो चुकी है. इस बीच सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की दो सहयोगी पार्टियों के बीच गठबंधन भी टूट गया. बीजेपी की सहयोगी रही जद (यू) अकेले 81 सीटों पर लड़ने के लिए ताल ठोक रही है तो वहीं 19 सालों तक बीजेपी और आजसू पार्टी के बीच चली दोस्ती अब टूट के कगार पर पहुंच चुकी है. जबकि केंद्र सरकार में बीजेपी की भागीदार बनी लोजपा ने झारखंड में 50 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. ऐसे में बीजेपी ने त्रिकोणीय मुकाबलों का सामना करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की रणनीति बनाई है.
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झारखंड में भारतीय जनता पार्टी लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी को लेकर 'अबकी बार 65 पार' के नारे के साथ मैदान में उतरी है. मगर जिस तरह से सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिखरा नजर आ रहा है, उससे लगने लगा है कि इस बार झारखंड बीजेपी (Jharkhand BJP) के लिए चुनाव जीतना 2014 के चुनाव जितना आसान नहीं है. बीजेपी के सहयोगी दल एक-दूसरे के पाले में गेंद को डालकर अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारते जा रहे हैं. बीजेपी अब तक राज्य की कुल 81 विधानसभा सीटों पर 68 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है. आजसू ने भी 12 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है.
बीजेपी का चुनावी इतिहास राज्य में उतार-चढ़ाव से भरा रहा है. राज्य गठन के बाद 2005 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 30 सीटें जीती थीं. लेकिन 2009 के विधानसभा चुनाव में वोट प्रतिशत के साथ बीजेपी की सीटें भी घट गई थीं. जहां 2005 में बीजेपी ने 30 सीटें जीतीं, वहीं 2009 में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनावों ने बीजेपी को बड़ी राहत दी और उस समय बीजेपी को अब तक की सर्वाधिक 37 सीटें मिली थी.
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पिछले चुनाव में बीजेपी ने आजसू पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था. बीजेपी ने 72 सीटों और आजसू ने 8 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. जिनमें से 37 सीटों पर बीजेपी और पांच सीटों पर आजसू पार्टी ने जीत दर्ज की. लेकिन यहां बीजेपी के लिए सरकार बनाने में मुश्किलें पैदा हो गई थीं. क्योंकि बहुतम के आंकड़े से बीजेपी पांच सीट पीछे थी. तब बहुमत के लिए बीजेपी को मुख्य विपक्षी दल झाविमो के 6 विधायक तोड़ने पड़े था. इसके बाद बहुमत के लिए जरूरी 41 के मुकाबले बीजेपी के पास 43 विधायक हुए. वर्ष 2000 में गठित हुए इस राज्य में रघुबर दास पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं.
झारखंड में अब तक ऐसा रहा बीजेपी का चुनावी इतिहास
झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम- बीजेपी | |||
वर्ष | कुल उम्मीदवार | जीते | वोट % |
2005 | 63 | 30 | 23.60% |
2009 | 66 | 18 | 20.10% |
2014 | 72 | 37 | 31.80% |
Source : डालचंद