Telangana Assembly Election 2023: चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनावों की तिथियों का ऐलान कर दिया. छत्तीसगढ़ को छोड़कर बाकी चार राज्यों में एक चरण में वोट डाले जाएंगे. जबकि छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होगा. वहीं सभी राज्यों में वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी और उसी दिन नतीजे भी जारी कर दिए जाएंगे. तेलंगाना में 30 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 3 दिसंबर को चुनाव के नतीजे जारी किए जाएंगे.
क्या तेलंगाना में फिर चलेगा बीआरएस का जादू?
चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सत्ताधारी पार्टियों के सामने सत्ता में वापस लौटने की चुनौती भी शुरू हो गई. फिलहाल तेलंगाना में बीआरएस की सरकार है. जिसे 2018 के विधानसभा चुनाव में जबरदस्त बहुमत हासिल हुआ था. के चंद्रशेखर राव राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. अब राव के सामने 2018 वाली जीत को दोबारा से हासिल करने की चुनौती है. क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में राजनैतिक उठापटक हुई और तय समय से पहले चुनाव कराने पड़े, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं. बीआरएस ने सत्ता में पांच साल पूरे कर लिए और अब चुनाव के जरिए पार्टी को उसके शासन का रिजल्ट मिलने जा रहा है. ये चुनाव एक तरह से बीआरएस ही नहीं मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भी बड़ी परीक्षा मानी जा रही है.
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बीआरएस को मिली एकतरफा जीत
बता दें कि तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव में आंदोलन से उभरी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को जनता का एकतरफा समर्थन मिला और 119 सीटों वाली तेलंगाना विधानसभा में केसीआर के नेतृत्व वाली बीआरएस को 88 सीटों पर जीत हासिल हुई. इसके अलावा कांग्रेस को 19 सीटें, आईएमआईएम को 7, टीडीपी को 2, बीजेपी और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AISFB) को एक-एक सीट जीत मिली. वहीं निर्दलीय के खाते में सिर्फ एक सीट गई. चुनाव के नतीजे आने के बाद बीआरएस ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और के. चंद्रशेखर राव राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे.
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तेलंगाना में 2019 में हुआ उपचुनाव
वहीं राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद चार सीटों के लिए उपचुनाव भी हुए. पहला उपचुनाव हुजूरनगर विधानसभा के लिए हुआ. यहां 21 अक्तूबर 2019 को वोट डाले गए. जहां से मौजूदा विधायक और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी के इस्तीफा देने के बाद हुजूरनगर में उपचुनाव कराया गया था. उत्तम कुमार रेड्डी ने 2019 के आम चुनावों के दौरान नलगोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई. यहां हुए चुनाव में बीआरएस प्रत्याशी सैदिरेड्डी ने कांग्रेस प्रत्याशी पद्मावती रेड्डी को मात दी थी.
उसके बाद 3 नवंबर 2020 को दुब्बक विधानसभा सीट के लिए भी उपचुनाव हुआ. इस चुनाव में बीजेपी के एम रघुनंदन राव ने बीआरएस के सोलीपेटा सुजाता को हराकर जीत दर्ज की. इस विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव बीआरएस विधायक रामलिंगा रेड्डी के निधन के बाद कराया गया था. वहीं 17 अप्रैल 2021 को नागार्जुन सागर सीट के लिए भी उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में बीआरएस प्रत्याशी नोमुला भगत ने कांग्रेस के जाना रेड्डी को हराकर जीत हासिल की.
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अभी क्या है तेलंगाना विधानसभा की स्थिति?
बता दें कि 2018 के चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में बीआरएस को 88, कांग्रेस की 19, आईएमआईएम की सात, टीडीपी की दो, बीजेपी और एआईएफबी को एक-एक सीट मिली थी. इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद हुए चार उपचुनावों में से तीन पर सत्ताधारी बीआरएस को जीत हासिल हुई. पहले इनमें से तीन सीटें उसके पास थी, जबकि बीआरएस ने कांग्रेस की एक सीट पर कब्जा कर लिया. वहीं, एक सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया जो पहले बीआरएस के पास थी. इसके अलावा कांग्रेस के 12 विधायकों के बीआरएस में शामिल होने से पार्टी के विधायकों की संख्या बढ़ गई है. अब बीआरएस के पास कुल 101 सीटें हैं. वहीं एआईएमआईएम के सात, कांग्रेस के पांच और बीजेपी के पास कुल तीन विधायक हैं. जबकि दो सीट निर्दलीय विधायकों के पास हैं. जबकि एक सीट अभी भी खाली है.
Source : News Nation Bureau