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Tamil Nadu assembly election : जानिए पेराम्बुर विधानसभा का सियासी समीकरण

पेराम्बुर (Perambur) विधानसभा सीट तमिलनाडु की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने जीत दर्ज की थी. पेराम्बुर विधानसभा सीट तमिलनाडु के चेन्नई जिले में आती है.

Updated on: 30 Mar 2021, 01:00 AM

चेन्नई :

पेराम्बुर (Perambur) विधानसभा सीट तमिलनाडु की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) ने जीत दर्ज की थी. पेराम्बुर विधानसभा सीट तमिलनाडु के चेन्नई जिले में आती है. 2016 में पेराम्बुर में कुल 43.11 प्रतिशत वोट पड़े थे. 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से पी वेट्रावेल ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के एन आर धनपालन को 519 वोटों के मार्जिन से हराया था. पेराम्बुर विधानसभा सीट चेन्नई उत्तर के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं कलानिथि वीरस्वामी, जो द्रविड़ मुनेत्रा कड़गम से हैं. उन्होंने देसिया मुरपोक्‍कू द्रविड़ कड़गम के आर मोहनराज को 461518 से हराया था.

तमिलनाडु में छह अप्रैल को मतदान होगा. जबकि दो मई को वोट की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में सिर्फ एक चरण में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का सख्ती के साथ पालन किया जाएगा. इसके साथ ही मतदान का समय भी एक घंटे के लिए बढ़ाया गया है. तमिलनाडु में विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 24 मई 2021 को समाप्त हो रहा है. तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटे हैं, जिसमें ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के पास 136 विधायक हैं. इसके अलावा द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के पास 89 हैं. वहीं कांग्रेस के पास सात, इंडियन मुस्लिम लीग के पास पांच सीट हैं.

तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु विधानसभा में चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को होंगे और दो मई को वोटों की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का शासन है. राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK प्रमुख जे जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी. इस चुनाव में AIADMK को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. एआईएडीएम भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है, जबकि एमके स्टालिन की डीएमके ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हसन की पार्टी एमएनएल भी चुनावी मैदान में है.