Tamil Nadu Election: कौन हैं एमके स्टालिन जिनकी हो रही इतनी चर्चा?

करुणानिधि के निधन के बाद उनकी जगह लेना या फिर पार्टी की कमान संभालना, स्टालिन के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. स्टालिन को पार्टी भले ही विरासत में मिली हो लेकिन ये जिम्मेदारी उनके लिए कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण है.

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Karm Raj Mishra
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MK Stalin( Photo Credit : News Nation)

तमिलनाडु चुनाव (Tamil Nadu Election) का बिगुल बज चुका है. डीएमके (DMK) अध्यक्ष एमके स्टालिन (MK Stalin) इस बार एआईडीएमके से सत्ता छीनने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. डीएमके गठबंधन की ओर से स्टालिन मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. और उन्होंने दावा किया कि चुनाव के बाद उनकी सरकार बनेगी. अपने दावे को पूरा करने के लिए वे अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. करुणानिधि के निधन के बाद जनता डीएमके पर कितना विश्वास करती है, ये तो चुनाव के बाद पता चलेगा. लेकिन उससे पहले देखिए स्टालिन कौन हैं, और उन्होंने कैसे तमिलनाडु की राजनीति में खुद को स्थापित किया. 

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मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन (MK Stalin) यानी एमके स्टालिन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के तीसरे बेटे हैं, इसलिए तमिलनाडु की राजनीति उनको विरासत में मिली है. करुणानिधि के निधन के बाद उनकी जगह लेना या फिर पार्टी की कमान संभालना, स्टालिन के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. स्टालिन को पार्टी भले ही विरासत में मिली हो लेकिन ये जिम्मेदारी उनके लिए कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि उनकी पार्टी बीते 10 साल से सत्ता में नहीं है.

राजनीति में उनका ये सफर इतना भी आसान नहीं रहा है, राजनीति में ये मुकाम हासिल करने के लिए उन्हें अपने ही सौतेले भाई एमके अलागिरी से मुकाबला करना पड़ा था. हालांकि इस जंग में डीएमके को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. बता दें कि तमिलनाडु में पिछले कई सालों तक हर पांच साल में सरकार बदल जाती थी. लेकिन पिछले चुनाव में ऐसा नहीं हुआ था और एआईडीएमके को लगातार 10 साल सत्ता में बैठने को मिला. 

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कैसे राजनीति में आए?

स्टालिन ने राजनीति में आने से पहले फिल्मों में काम किया है. 1980 के दशक के दौरान उन्होंने कुछ तमिल फिल्मों में काम किया है. 1990 के दशक में उन्होंने सन टीवी के टेलीविजन धारावाहिकों में भी अभिनय किया है. स्टालिन ने चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय के नंदनम आर्ट्स कॉलेज से इतिहास में अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की है. करुणानिधि की सरकार में वे ग्रामीण विकास और स्थानीय प्रशासन मंत्री भी रह चुके हैं. स्टालिन का जन्म मद्रास में हुआ था, जिसे अब चेन्नई के रूप में जाना जाता है. फिल्मों के साथ साथ वे डीएमके के लिए प्रचार किया करते थे. फिर वे फिल्मों को अलविदा कहकर राजनीति में ही सक्रिय हो गए. उन्होंने पार्टी के यूथ विंग को मजबूत करने का काम किया. 

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राजनीतिक करियर

उनका राजनीतिक करियर 14 वर्ष की आयु में 1967 के चुनावों में प्रचार के साथ शुरू हुआ था. 1973 में स्टालिन को द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) की आम समिति में निर्वाचित किया गया था. वे उस समय सुर्खियों में आए जब उन्हें आपातकाल का विरोध करने के लिए आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम (मीसा) के तहत जेल में बंद कर दिया गया था. स्टालिन 1989 के बाद से तमिलनाडु विधानसभा के लिए चेन्नई के थाउजेंड लाइट्स निर्वाचन क्षेत्र से चार बार चुने गए हैं. स्टालिन 1996 में इस शहर के पहले सीधे तौर पर निर्वाचित मेयर बने थे. 2001 में स्टालिन एक बार फिर से मेयर चुने गए, लेकिन बाद में उन्हें इस पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उन पर फ्लाईओवर घोटाले का आरोप भी लग चुका है. अपनी पिछली दो जीत के साथ डीएमके नेता हैट्रिक की उम्मीद कर रहे हैं. 2011 के विधानसभा चुनावों से पहले स्टालिन थाउजेण्ड लाइट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते थे.

HIGHLIGHTS

  • करुणानिधि के तीसरे बेटे हैं स्टालिन
  • 14 साल से चुनाव प्रचार करने लगे थे
  • आपातकाल में जेल भी जाना पड़ा था

Source : News Nation Bureau

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