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Tamil Nadu Assembly Election : थिरुवल्लिकेनी सीट की सियासी समीकरण, उदयनिधि स्‍टालिन लड़ रहे हैं यहां से चुनाव

तमिलनाडु की राजनीति हमेशा दो पार्टी डीएमके और एआईएडीएमके के इर्द-गिर्द बीच ही घूमती रही है. राज्य की राजधानी चेन्नई में हमेशा से ही दोनों पार्टियों के लिए चुनावी अस्मिता का संघर्ष रहा है.

Updated on: 27 Mar 2021, 02:00 AM

चेन्नई :

तमिलनाडु की राजनीति हमेशा दो पार्टी डीएमके और एआईएडीएमके के इर्द-गिर्द बीच ही घूमती रही है. राज्य की राजधानी चेन्नई में हमेशा से ही दोनों पार्टियों के लिए चुनावी अस्मिता का संघर्ष रहा है.  बता दें कि डीएमके ने इस बार चेन्नई पर ज्यादा ही बड़ा दांव खेला है. चेन्नई से ही डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन चुनावी ताल ठोंक रहे हैं और यहीं से तमिलनाडु की राजनीति के धुरंधर रहे एम. करुणानिधि के पोते उदयनिधि के चुनावी करियर को लॉन्च करने की भी तैयारी है. स्‍टालिन के बेटे उदयनिधि स्‍टालिन जो चेन्नई क्षेत्र की चेपक-थिरुवल्लिकेनी सीट से चुनाव लड़ हरे है उन्‍होंने कहा तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में द्रमुक 200 से अधिक सीटें जीतेगी.

चेन्नई क्षेत्र की चेपक-थिरुवल्लिकेनी सीट से स्टालिन के बेटे उदयनिधि चुनावी मैदान में उतरे हैं. चेपक-थिरुवल्लिकेनी सीट से उदयनिधि स्टालिन अपना चुनावी करियर शुरू करने जा रहे हैं. बता दें कि  चेपक-थिरुवल्लिकेनी सीट तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की पसंदीदा सीट रही है. उदयनिधि स्‍टालिन अपने दादा करुणानिधि की पसंददीदा सीट से लड़ रहे हैं चुनाव गौरतलब है कि जिस सीट से उदयनिधि स्‍टालिन चुनाव लड़ रहे हैं उसी सीट से करुणानिधि ने अपना चुनावी करियर शुरू किया था. करुणानिधि चेपक-थिरुवल्लिकेनी सीट से तीन बार चुनाव जीते थे. राजनीतिक चर्चा है कि उदयनिधि के लिए यह सीट इसीलिए चुनी गई है ताकि वह आसानी से जीत हासिल कर सकें.

तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु विधानसभा में चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को होंगे और दो मई को वोटों की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का शासन है. राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK प्रमुख जे जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी. इस चुनाव में AIADMK को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. एआईएडीएम भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है, जबकि एमके स्टालिन की डीएमके ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हसन की पार्टी एमएनएल भी चुनावी मैदान में है.