Tamil Nadu Assembly Election: जानिए बोडीनायकनुर विधान सभा का हाल, उपमुख्यमंत्री लड़ रह हैं यहां से चुनाव

बोडीनायकनुर विधानसभा सीट तमिल नाडु की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. बोडीनायकनुर विधानसभा सीट तमिल नाडुके थेनी जिले में आती है . साल 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने जीत दर्ज की थी.

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Avinash Prabhakar
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उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम( Photo Credit : News Nation)

बोडीनायकनुर विधानसभा सीट तमिल नाडु की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है. बोडीनायकनुर विधानसभा सीट तमिल नाडुके थेनी जिले में आती है . साल 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम ने जीत दर्ज की थी.  2016 में बोडीनायकनुर में कुल 49.86 प्रतिशत वोट पड़े थे. उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम बोडीनायकनुर विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. पन्नीरसेल्वम जयललिता के विश्वासपात्र लोगों में से एक माने जाते थे. इसीलिए जयललिता के निधन के बाद उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन बाद में पलानीस्वानी के साथ वर्चस्व की जंग में उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी.

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तमिलनाडु में विधानसाभा चुनाव (Tamil Nadu Assembly Election 2021)  का बिगुल बज चुका है. AIDMK की ओर से अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी गई है. पार्टी ने उन्हें बोडिनयाकानुर सीट से टिकट दिया है. पन्नीरसेल्वम (O Panneerselvam) तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री (Deputy CM) हैं और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझागम (AIDMK) के समन्वयक हैं. पन्नीरसेल्वम (O Panneerselvam) तमिलनाडु के तीन बार मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं. 2016 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम से ओ पन्नीरसेल्वम ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम के एस लक्ष्मणन को 15608 वोटों के मार्जिन से हराया था.  इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं पी रवींद्रनाथ कुमार, जो ऑल इंडिया अन्‍ना द्रविद मुन्‍नेत्रा कज़ागम से हैं. उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेसके ईवीकेएस इलानगोवन को 76693 से हराया था.

पन्नीरसेल्वम ने साल 1969 में 18 वर्ष की आयु में तत्कालीन संयुक्त डीएमके के कार्यकर्ता के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. 2006 में वे विपक्ष के नेता बनें. साल 2014 में जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में दूसरी बार दोषी ठहराए जाने के बाद फिर से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने. 2015 में जयललिता को रिहा होने के बाद, उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बन गए थे. साल 2016 में पन्निरसेल्वम को बोधिनयाक्कनुर निर्वाचन क्षेत्र से फिर से निर्वाचित किया गया था. बाद में जयललिता के निधन के बाद उन्हें तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किया गया. 21 अगस्त 2017 में उन्होंने और एडीएमके को पकड़ने वाली टीम के बाद, वह तमिलनाडु के उप मुख्यमंत्री बने. वे 3 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बन चुके हैं.

पन्नीरसेलवम की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में कभी हार का सामना नहीं किया. शशिकला के खिलाफ उन्होने 'धर्मयुथम' अभियान चलाया. तमिलनाडु लोगों के बीच सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीके से अपनी बात रखी. जयललिता उन पर इतना ज्यादा विश्वास करती थीं कि जब साल 2014 में आय से ज्यादा संपत्ति के मामले में जयललिता जेल गईं, तो उन्होंने पन्नीरसेलवम को ही मुख्यमंत्री बनाया गया था.

तमिलनाडु में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं और इसका कार्यकाल 24 मई को पूरा हो रहा है. तमिलनाडु विधानसभा में चुनाव एक ही चरण में छह अप्रैल को होंगे और दो मई को वोटों की गिनती की जाएगी. तमिलनाडु में पिछले 10 सालों से ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) का शासन है. राज्य की जनता ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK प्रमुख जे जयललिता को दोबारा सत्ता सौंपी थी. इस चुनाव में AIADMK को 135 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जबकि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 88 सीटों पर सिमट गई थी. कांग्रेस को आठ सीटें मिली थी जबकि भाजपा का खाता भी नहीं खुल सका था. एआईएडीएम भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है, जबकि एमके स्टालिन की डीएमके ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है। कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं, अभिनेता से नेता बने कमल हसन की पार्टी एमएनएल भी चुनावी मैदान में है.

Source : News Nation Bureau

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