बीजेपी के टिकट पर बंगाल में चुनाव लड़ रहे स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे स्वपन दासगुप्ता (Swapan Dasgupta) ने विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है.
highlights
- स्वपन दासगुप्ता ने राज्यसभा से इस्तीफा दिया
- बंगाल में बीजेपी ने बनाया है पार्टी उम्मीदवार
- टीएमसी और कांग्रेस ने किया इसका विरोध
नई दिल्ली/कोलकाता:
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे स्वपन दासगुप्ता (Swapan Dasgupta) ने विपक्ष द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है. स्वपन दास गुप्ता को बीजेपी (BJP) ने बंगाल की तारकेश्वर विधानसभा से उम्मीदवार बनाया है. लेकिन बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने उनकी उम्मीदवार पर सवाल खड़े किए थे. कांग्रेस ने भी स्वपन दास गुप्ता की उम्मीदवारी का विरोध किया. इस विरोध के बाद अब स्वपन दास गुप्ता ने राज्यसभा (Rajya Sabha) से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि अभी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.
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दरअसल, स्वपन दासगुप्ता राज्यसभा के नामित सदस्य हैं. वह अप्रैल 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किए गए थे. पेशे से पत्रकार स्वपन दासगुप्ता की गिनती बंगाल की राजनीति के बड़े चेहरों में होती है. बंगाल में इस बार के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन टीएमसी और कांग्रेस दोनों ही स्वपन दासगुप्ता की उम्मीदवारी का विरोध कर रही हैं. कांग्रेस और टीएमसी का कहना है कि दासगुप्ता की राज्यसभा सदस्यता को खत्म कर दिया जाए. टीएमसी ने इस मुद्दे को राज्यसभा में भी उठाया.
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इससे पहले टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाया था कि दासगुप्ता ने भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया है. महुआ मोइत्रा ने कहा था कि स्वपन दासगुप्ता पश्चिम बंगाल चुनावों के लिए बीजेपी के उम्मीदवार हैं, जबकि संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि अगर कोई राज्यसभा का मनोनीत सांसद शपथ लेने और उसके 6 महीने के अंदर किसी भी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता है उसे राज्यसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दे दिया जाएगा. दासगुप्ता को साल 2016 में शपथ दिलाई गई थी, जो अभी जारी है. अब उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए अयोग्य करार देना चाहिए.
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