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चुनाव आयोग के दिल्ली में चले चाबुक में पिछले सब रिकॉर्ड ध्वस्त, 29 दिन में 53 करोड़-शराब जब्त

इन 29 दिनों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा जो जब्ती की गयी है वो 52 करोड़ 87 लाख 69 हजार 815 रुपये की आंकी गयी है. इस जब्ती में शराब, मादक पदार्थ, नकदी, जेवरात व अन्य कीमती धातुएं सम्मिलित हैं.

Updated on: 07 Feb 2020, 12:31 PM

highlights

  • छह जनवरी से पांच फरवरी के बीच 53 करोड़ नकद, शराब, जेवरात और ड्रग जब्त.
  • 2 करोड़ 63 लाख 35 हजार 615 रुपये कीमत की शराब पकड़ी जा चुकी है.
  • आचार संहिता उल्लंघन में 534 एफआईआर, सबसे ज्यादा आप पर.

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और अन्य सरकारी महकमों की जो जिम्मेदारी थी, उसे दिल्ली राज्य चुनाव मुख्यालय ने चंद दिन में पूरा कर डाला. चुनाव विभाग (Election Commission) के चाबुक का ही नतीजा है जो राजधानी के अलग-अलग इलाकों में छह जनवरी से पांच फरवरी 2020 के बीच करीब 53 करोड़ नकद, शराब, जेवरात और ड्रग जब्त (Confiscated) हुए. यह जानकारी शुक्रवार को दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने दी. मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय के मुताबिक 6 जनवरी 2020 को राजधानी में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हुई थी. उसी दिन से राज्य चुनाव मशीनरी ने शहर में शांतिपूर्ण मतदान कराने की जिम्मेदारी खुद के कंधों पर ले ली थी.

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चुनाव आयोग की सख्ती से विभागों को करनी पड़ी कार्रवाई
चुनाव के दौरान धन-बल, शराब, अवैध हथियारों, मादक पदार्थ इत्यादि का इस्तेमाल कतई न हो सके, राज्य चुनाव मशीनरी ने जब इस वास्ते कमर कसी तो, आयकर, दिल्ली पुलिस, ड्रग महकमों को उसका आदेश मानना मजबूरी हो गया. वरना जो काम 29 दिन में राज्य चुनाव मशीनरी ने किया उसे संबंधित विभाग और एजेंसियां पहले ही खुद भी कर सकते थे. जानकारी के मुताबिक इन 29 दिनों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा जो जब्ती की गयी है वो 52 करोड़ 87 लाख 69 हजार 815 रुपये की आंकी गयी है. इस जब्ती में शराब, मादक पदार्थ, नकदी, जेवरात व अन्य कीमती धातुएं सम्मिलित हैं.

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पिछले सभी रिकॉर्ड ध्वस्त
दिल्ली राज्य चुनाव मुख्यालय के मुताबिक 2015 में राज्य में हुए विधान सभा चुनाव में केवल 2 करोड़ 42 लाख 79 हजार 766 रुपये की कीमत की जब्ती थी, इसमें भी 42 लाख 38 हजार 500 रुपये नकद पकड़े गये थे. बाकी की कीमत में शराब, मादक पदार्थ, कीमती धातु इत्यादि शामिल थे. इस बार जब्ती का आंकड़ा पिछले चुनाव की तुलना में कहीं ज्यादा ऊपर जा पहुंचा है. यह भी राज्य चुनाव मशीनरी की सख्ती का ही साफ-साफ नतीजा है. राज्य चुनाव मुख्यालय के नोडल अधिकारी (मीडिया) नलिन चौहान ने बताया, 'जब्ती में 10 करोड़ 2 लाख 79 हजार 540 सिर्फ नकदी है, जबकि बीते विधानसभा चुनाव में सिर्फ 42 लाख 38 हजार 500 रुपये ही संदिग्ध नकदी के बतौर जब्त हुए थे.

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शराब-मादक पदार्थ भी बरामद
इसी तरह इस बार चले चुनाव मशीनरी के चाबुक के कारण 2 करोड़ 63 लाख 35 हजार 615 रुपये कीमत की शराब पकड़ी जा चुकी है. 6 जनवरी 2020 तक के चुनाव मुख्यालय से हासिल आंकड़ों के अनुसार इस बार पांच फरवरी तक 5 करोड़ 87 लाख 37 हजार 750 रुपये कीमत के मादक, नशीले पदार्थ व 32 करोड़ 18 लाख 6 हजार 910 रुपये कीमत के आभूषण भी विभिन्न एजेंसियों की मदद से जब्त हुए हैं.

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आचार संहिता उल्लंघन की 534 एफआईआर
आदर्श आचार संहिता उल्लंघन में 534 एफआईआर दर्ज की गई, इनमें सबसे ज्यादा एफआईआर (37) आम आदमी पार्टी यानी सत्तासीन पार्टी के ही खिलाफ दर्ज हुई हैं, जबकि शस्त्र अधिनियम के तहत दर्ज 402 मामलों में 440 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. इसी तरह आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज 1021 मामलों में 1029 लोग पकड़े जा चुके हैं. राज्य चुनाव मुख्यालय की सख्ती के चलते ही अब तक 7397 लाइसेंसी हथियार जब्त किये गए हैं.