उत्तर प्रदेश उपचुनावों में भाजपा, बसपा से सीटें छीन सपा बनी मुख्य विपक्षी पार्टी

बराबंकी सीट पर 2014 के भाजपा का ही कब्जा था. जिस पर समाजवादी पार्टी ने आज के चुनाव में हथिया लिया.

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Ravindra Singh
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उत्तर प्रदेश उपचुनावों में भाजपा, बसपा से सीटें छीन सपा बनी मुख्य विपक्षी पार्टी

समाजवादी पार्टी( Photo Credit : फाइल)

 समाजवादी पार्टी (सपा) ने उपचुनाव में बड़ी सफलता हासिल की है. इस चुनाव में सपा ने रामपुर की अपनी परंपरागत सीट जीतकर आजम खां का किला तो बचाया ही, भाजपा और बसपा की सीटें छीनकर अपने को 'मुख्य विपक्षी दल' साबित कर दिया. भाजपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, जबकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सिर्फ रामपुर सीट पर प्रचार करने गए. इसके बावजूद सपा रामपुर, जलालपुर, जैदपुर सीट जीतने में कामयाब रही. 

बराबंकी सीट पर 2014 के भाजपा का ही कब्जा था. जिस पर समाजवादी पार्टी ने आज के चुनाव में हथिया लिया. इस सीट पर पहली बार वर्ष 2017 में भाजपा के उपेंद्र सिंह रावत ने जीत हासिल कर रिकार्ड बनाया था. उनके सांसद चुने जाने के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा लोगों का विश्वास नहीं हासिल कर सकी, जबकि सपा कामयाब रही. अम्बेडकर नगर की जलालपुर सीट पर सपा ने बसपा के गढ़ में सेंध लगाकर बड़ी कामयाबी हासिल की है. यह बसपा के वर्तमान सांसद रितेश पांडेय के लोकसभा में जाने के कारण खाली हुई थी. जहां पर बसपा ने अपने विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा की पुत्री छाया वर्मा को मैदान में उतारा था, जो महज 709 वोटों से चुनाव हार गईं.

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रामपुर सीट सपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय थी. इस सीट पर सबकी निगाहें थीं. भाजपा ने यहां पर पूरी ताकत झोंक रखी थी. इसे जीतकर सपा ने यहां पर अपना कब्जा जमाए रखा है. यहां से आजम खां की पत्नी तंजीन फातमा ने जीत दर्ज की है. राजनीतिक विश्लेष्कों के अनुसार, भाजपा भले ही उपचुनाव में हार का मिथक तोड़ने का दावा कर रही हो, यह ख्याल उसकी खुशमिजाजी के लिए भले सही हो. सपा ने जिस प्रकार से कुछ सीटों पर जीत का मर्जिन कम किया और एक सीट छीन ली, ऐसे नतीजों ने कहीं न कहीं भाजपा नेतृत्व को सोचने पर भी मजबूर कर दिया होगा.

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लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन तोड़कर पहली बार लड़ने वाली बसपा इस चुनाव में अपना खाता तक नहीं खोल सकी है. उपचुनाव में अकेले लड़ने और मुख्य विपक्षी का तमगा लेने का बसपा का ख्वाब चकनाचूर हो गया. उत्तर प्रदेश में आए परिणामों ने बसपा को एक बार फिर अपने संगठन और रणनीति पर सोचने को मजबूर कर दिया है. लोकसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने के बाद बसपा ने अपने को 'मुख्य विपक्षी दल' घोषित कर दिया था और इसी मद में उसने सपा से गठबंधन भी तोड़ा. लेकिन हाल में हुए हमीरपुर उपचुनाव के परिणाम में सपा का मत प्रतिशत बसपा से काफी अच्छा रहा है.

राजनीतिक दलों को मिले मतों का प्रतिशत :

राजनीतिक पार्टी                              वोट की प्रतिशतता
 भाजपा                                             35़ 64%

 सपा                                               22़ 61%

 बसपा                                             17़ 02%

 कांग्रेस                                             11़ 49%

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