क्या इस बार भी सिंगूर सीट TMC के खाते में जाएगी या फिर बदलेगा समीकरण
सिंगूर विधानसभा सीट (Singur) पश्चिम बंगाल की अहम सीटों में से एक है. यह सीट ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कब्जे में है. रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्जी इस सीट की कमान संभाल रहे हैं.
नई दिल्ली :
सिंगूर विधानसभा सीट (Singur) पश्चिम बंगाल की अहम सीटों में से एक है. यह सीट ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कब्जे में है. रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्जी इस सीट की कमान संभाल रहे हैं. 2016 में में कुल 85 प्रतिशत वोट पड़े. 2016 में टीएमसी ने कम्युगनिस्टी पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सुवादी) को 20327 वोटों के मार्जिन से हराया था.रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्जी ने सीपीआई (एम) के राबिन देब को हराया था.
टीएमसी ने साल 2011 में भी लहराया था इस सीट पर परचम
साल 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने ही बाजी मारी थी. रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्जी ने सीपीआई (एम) के डॉ असित दास को हराया था. बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी थी.
विधानसभा सीट हुगली के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं लॉकेट चटर्जी, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं. उन्होंने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेसके डॉ.रत्ना डे (नाग) को 73362 से हराया था.
सिंगूर सीट की जनसंख्या
2011 की भारत की जनगणना के अनुसार सिंगूर की कुल जनसंख्या 21,382 है. जिसमें 10,825 (51%) पुरुष थे और 10,557 (49%) महिलाएं है. 6 साल से नीचे की आबादी 1,646 है.
कभी अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में था सिंगूर
सिंगूर कभी सुर्खियों में रहा था. यहां टाटा मोटर्स ने अपनी 2,500 डॉलर की कार, टाटा नैनो को सिंगुर में बनाने के लिए एक कारखाने का निर्माण शुरू किया. छोटी कार को 2008 तक कारखाने से बाहर निकालने की योजना थी. लेकिन विवाद की वजह से टाटा मोटर्स ने अपना ये प्रोजेक्ट बंद कर दिया था.
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