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Poll of the Polls 2023: राजस्थान में 'कमल' खिलने के संकेत, बागी और निर्दलीय उम्मीदवार BJP की जीत करेंगे पक्की!

Rajasthan Exit Poll 2023: राजस्थान में भाजपा से बगावत करके 32 और कांग्रेस से बगावत करके 22 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. ऐसे में इन बागियों से संपर्क साधाने में दोनो पार्टियां लगी हुई हैं. 

Updated on: 01 Dec 2023, 07:26 PM

नई दिल्ली:

Rajasthan Exit Poll 2023:  राजस्थान के एग्जिट पोल में भाजपा की सरकार बनती दिख रही है. अधिकतर पोल में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा की सीटें ज्यादा दिखाई गई हैं. राज्य में इस बार वो​ट प्रतिशत पिछली बार से ज्यादा रहा है. यह 74.13% रहा है. 2018 में ये 74.06 % था. यहां पर आंकड़ों के हिसाब से देखा जाए तो भाजपा की सरकार का आना तय माना जा रहा है. ट्रेंड के हिसाब से देखें तो वोट प्रतिशत ज्यादा होने पर हमेशा से भाजपा की सरकार ही बनाती रही है. वहीं एग्जिट पोल भी ऐसे ही संकेत रहे हैं. हालांकि ये एग्जिट पोल है. ऐसे में कुछ सीटें अन्य के पाले में भी जा सकती हैं.

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कुछ पोल में दिखाया गया है कि दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है. ऐसे में निर्दलीय या बागी उम्मीदवार अहम भूमिका निभा सकते हैं. दोनों ही पार्टियां इनसे संपर्क बनाने में लगी हुई हैं. आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में भाजपा से बगावत करके 32 और कांग्रेस से बगावत करके 22 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं. ऐसे में इनसे संपर्क साधाने में दोनो पार्टियां लगी हुई हैं. 

गुरुवार को पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल आ चुके हैं. एक्सिस माई इंडिया और अन्य कई एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश में एकतरफा भाजपा की जीत हो सकती है. वहीं छत्तीसगढ़ में दोनों के पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर है. राजस्थान ऐसा राज्य है, जहां पर पर नतीजे भाजपा के पक्ष में तो हैं, मगर कुछ सीटों पर जोड़तोड़ की कोशिश हो सकती है. 

राजस्थान में भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि वह बागी 32 उम्मीदवारों से संपर्क में है. जरूरत पड़ने पर उनका सपोर्ट मिलेगा. कई पोल में भाजपा को वैसे ही बहुमत मिल रहा है. ऐसे में अगर एक कुछ सीटों की कमी होती है तो बागियों और निर्दलीयों का साथ मिलेगा. 

2018 में निर्दलीय और बागियों की भूमिका 

पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय और बागी उम्मीदवारों ने राज्य में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. राजस्थान में 2018 के चुनाव में इन्ही निर्दलीय और बागी विधायकों ने बाजी को पलट दियाा था. उस समय कांग्रेस को कुल 100 सीटों पर विजयी हुई थी. वहीं भाजपा 73 सीटों पर जीत पाई थी. कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट और अशोक गहलोत ने 12 बागी और निर्दलीय विधायकों को अपने साथ मिला लिया था और सरकार बना ली थी.  

बागियों को साधने में जुटीं दोनों पार्टियां? 

ऐसा बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से वसुंधरा राजे सभी बागियों से बातचीत कर रही है. भाजपा की ओर से गजेंद्र सिंह शेखावत को इसका​ जिम्मा मिला है. वहीं दूसरी ओ यानि कांग्रेस की ओर से दावा है उसने बागी उम्मीदवारों को एकत्र कर लिया है. बहुमत के लिए जोड़तोड़ का खेल हो सकता है.