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सिद्धार्थनाथ सिंह ने किया ट्वीट, गिनाए योगी सरकार के उत्तकर्ष कार्य

उत्तर प्रदेश इन दिन दिनों चुनावी समर में है. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है. ऐसे में सभी पार्टियों के नेता जनता के बीच अपने काम गिनाकर अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं. वहीं कुछ नेता सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनता को अपनी सरकार द्वारा कि

Updated on: 29 Jan 2022, 05:23 PM

highlights

  • एक अखबार की कटिंग पढ़ने की दी सलाह 
  • एमएसएमई के तहत किये गये सरकार के कार्यों को लेकर संदेह करने की नहीं जरूरत  

नई दिल्ली :

उत्तर प्रदेश इन दिन दिनों चुनावी समर में है. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होना है. ऐसे में सभी पार्टियों के नेता जनता के बीच अपने काम गिनाकर अपने पक्ष में वोट की अपील कर रहे हैं. वहीं कुछ नेता सोशल मीडिया के माध्यम से भी जनता को अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को समझा रहे हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक ट्वीट कर अपनी सरकार द्वारा आम जन व लघु उद्योग की बढोतरी के लिए किए गए कामों का ब्योरा दिया है. सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक निजी अखबार की कटिंग ट्विट कर कहा है कि जिस किसी को सरकार की कार्यशैली पर शक हो उन्हे ये लेख जरूर पढ़ लेना चाहिए.

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उन्होने राष्ट्रीय अखबार की खबर का हवाला देते हुए कहा है कि जो लोग सभाओं में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी की बात कर रहे हैं. उन्हे शर्म आनी चाहिए. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों में बेरोजगारी दर 13 प्रतिशत घटी है. उन्होने कहा यूपी में पिछले 5 सालों में सरकारी और गैरसरकारी रूप से 3.28 करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है. यही नहीं निष्पक्ष भर्ती परिक्रिया यदि उत्तर प्रदेश में यदि किसी सरकार ने की है तो वो योगी सरकार है. इसके अलावा उन्होने क्राइम रेट की बात की. 

उन्होने ये भी लिखा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर का कृषि कुंभ 26 से 28 अक्टूबर 2018 में आयोजित किया गया था. इसका उद्देश्य किसानों को उन्नत तकनीकी से परिचित कराना था. प्रदेश के किसान को हर संभव मदद दी जा रही है. योगी सरकार ने पहली बैठक में 45 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ का ऋण माफ कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वायदे को पूरा किया था. यही नहीं किसानों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया. इसका लाभ यह हुआ कि प्रत्येक किसान को गुणवत्ता युक्त बीज, कृषि रक्षा रसायन तथा कृषकों को परामर्श की व्यवस्था भी की गई.