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शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ ये विधायक बन सकते हैं मंत्री( Photo Credit : NewsState)
महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार के इस्तीफे के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शिवाजी पार्क में आज शाम करीब 6.40 बजे उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कोटे के मंत्री भी शपथ लेंगे. एनसीपी के कोटे में डिप्टी सीएम और कांग्रेस के हिस्से में स्पीकर का पद आएगा. एनसीपी से जयंत पाटिल और छगन भुजबल, शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शपथ, कांग्रेस की ओर से बालासाहेब थोराट और अशोक चव्हाण मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. अगर पृथ्वीराज चौहान के बदले कोई और स्पीकर बनता है तो वे भी मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. आज शिवाजी पार्क में इन विधायकों का मंत्री बनना पक्का हो गया है:
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शिवसेना कोटे के मंत्री
एकनाथ शिंदे
- एकनाथ शिंदे को शिवसेना ने विधायक दल का नेता चुना है
- मुंबई से सटे ठाणे जिले में शिंदे की तूती बोलती है
- फडणवीस सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
- PWD विभाग के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं
- लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैं
- ठाणे महानगर पालिका में दो कार्यकाल तक नगर सेवक भी रह चुके हैं.
- राजनीति में आने से पहले ऑटो रिक्शा चलाया करते थे एकनाथ शिंदे
सुनील प्रभु
- दिंडोशी विधान सभा सीट से जीत दर्ज
- शिवसेना ने सुनील प्रभु को चीफ व्हिप नियुक्त किया है
- नवम्बर 2018 में मुस्लिमों को आरक्षण की वकालत की थी
- उद्धव ठाकरे के क़रीबी हैं
- विधायकों को एकजुट रखने में बड़ी भूमिका अदा की
बच्चू कडू
- बच्चु कडू अपने समर्थको के बीच रॉबिनहुड के नाम से मशहूर हैं.
- अचलपुर से विधायक हैं
- लगातार चौथी बार विधायक चुने गए
- प्रहार जनशक्ति पार्टी से जीते हैं
- प्रहार नाम का संगठन चलाते हैं
- जुलाई 2017 में इस संगठन पर बीफ रखने के आरोप में एक शख्स को पीटने का आरोप लगा था
- अप्रैल 2017 में किसानों के लिए महाराष्ट्र से गुजरात तक मोटरसाइकल रैली निकाली थी
डॉ राहुल पाटिल
- परभणी से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज
- पेशे से डॉक्टर हैं
दादा जी भुसे
- दादा जी भुसे ने मालेगांव आउटर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की.
- 2004 में पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए.
- 2009 में दूसरी बार विधानसभा सदस्य चुने गए.
- 2014 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य चुने गए.
- 2014 में महाराष्ट्र सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री बनाए गए.
- 2016 में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री बनाए गए.
प्रकाश अबिटकर
- प्रकाश अबिटकर ने शिवसेना के टिकट पर राधानगरी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की.
- साल 2014 में इसी विधानसभा सीट से इन्होंने शिवसेना के टिकट पर जीत दर्ज की थी.
एनसीपी कोटे के संभावित मंत्री
जयंत पाटिल
- साल 1962 में जन्मे जयंत पाटिल महाराष्ट्र के मशहूर नेता राजाराम पाटिल के बेटे हैं.
- बीते दिनों अजित पवार को विधायक दल के नेता पद से हटाने के बाद एनसीपी ने उनकी जगह पर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील को विधायक दल का नया नेता चुना.
- 1984 में उनकी मृत्यु के बाद जयंत पाटिल राजनीति में आए.
- वह इस्लामपुर वालवा सीट से छह बार विधायक रहे हैं.
- 1999 से 2008 के बीच वह कांग्रेस और एनसीपी की राज्य सरकार में वित्त मंत्री रहे.
- 2003-04 के बीच राज्य की अर्थव्यवस्था को नाजुक हालत से उबारने का श्रेय अक्सर जयंत को दिया जाता है.
- साल 2008 में हुए मुंबई हमलों के बाद जब महाराष्ट्र के गृह मंत्री आरआर पाटिल ने इस्तीफा दे दिया तो उनके बाद जयंत पाटिल ने राज्य के गृह मंत्री का पद भार संभाला.
- महाराष्ट्र पुलिस के आधुनिकीकरण में उनकी अहम भूमिका रही है.
- वह महाराष्ट्र के ग्रामीण विकास मंत्री भी रह चुके हैं.
छगन भुजबल
- छगन भुजबल को महाराष्ट्र का बड़ा नेता के रूप में पहचाना जाता है.
- इन्होंने येवला विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है.
- येवला विधानसभा सीट से छगन भुजबल लगातार चौथी बार विधायक चुने गए हैं.
- छगन भुजबल लगातार साल 2004, 2009 और 2014 में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से विधायक रहे हैं.
- भुजबल 2004 से 2014 तक सार्वजनिक विभाग के मंत्री थे. इस दौरान उन पर पद के गलत इस्तेमाल करने जैसे भूमि अधिग्रहण करने जैसे आरोप लगे.
- छगन भुजबल का जन्म 15 अक्टूबर 1947 में हुआ था.
- भुजबल अन्य पिछले वर्ग के नेता कहलाते है.
- भुजबल ने 1960 के दशक में शिवसेना से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी.
- राजनीति में प्रवेश करने से पहले छगन भुजबल बायकुला मार्केट में एक सब्जी विक्रेता थे.
- मुंबई के वीजेटीआई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने शिवसेना पार्टी ज्वाइन कर ली.
- भुजबल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे के साथ की थी.
- 1985 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी बाला साहब ने उन्हें मुंबई महानगरपालिका के मेयर की जिम्मेदारी दी थी.
- उन्होंने 1991 में पार्टी छोड़ दी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए.
- बाद में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने का फैसला लिया. जिसके बाद छगन भुजबल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का समर्थन दिया.
- वह करीब 25 साल तक शिवसेना में थे.
- छगन भुजबल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में साल 2016 में गिरफ्तार किया गया था.
- कई दिनों पर जेल में रहने के बाद वे फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
दिलीप वलसे पाटिल
- अंबेगांव विधानसभा सीटे से लगातार सातवीं बार चुनाव जीते हैं.
- दिलीप की गिनती राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मुखिया शरद पवार के भरोसेमंद नेताओं में होती है.
अनिल देशमुख
- कटोल विधानसभा सीट से इन्होंने जीत दर्ज की है.
- 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में ये दूसरे नंबर पर रहे थे.
- साल 2004 और 2009 में अनिल देशमुख इस सीट से विधाक रहे हैं.
राजेश टोपे
- इन्होनें घनसावंगी विधानसभा सीट से जीत दर्ज किया है.
- साल 2009 और 2014 में भी ये इस विधानसभा से जीते थे.
डॉ राजेंद्र शिंगणे
- ये सिंदखेडराजा विधानसभा से जीते हैं.
- मई में हुए लोकसभा चुनाव में ये बुलढाना लोकसभा सीट से एनसीपी प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में थे.
- वर्तमान में विदर्भ मार्केटिंग फेडरेशन नागपुर के अध्यक्ष हैं.
- ये 1995 से 2014 तक लागातार विधायक रहे हैं. (कुल 4 बार विधानसभा चुनाव जीतें)
- महाराष्ट्र सरकार में परिवार कल्याण मंत्री रह चुके हैं.
कांग्रेस कोटे से जिन संभावित मंत्रियों के नाम सामने आ रहा है
बालासाहेब थोराट
- थोराट संगमनेर विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्होंने शिवसेना के प्रत्याशी साहेबराव नवले को 62,252 वोटों से हराया था.
- वह इस सीट से लगातार आठवीं बार विधायक चुनकर आए हैं.
- बीते दिनों महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया.
- बालासाहेब थोराट (Balasaheb Thorat) महाराष्ट्र में सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं.
- आठ बार से विधायक बालासाहेब थोराट का नाम प्रोटेम स्पीकर की रेस में भी शामिल था.
पृथ्वीराज चव्हाण
- कराड साउथ सीट से दूसरी बार चुनाव जीते हैं.
- इस विधानसभा सीट को पृथ्वीराज चव्हाण का गढ़ माना जाता है.
- कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते हैं
- महाराष्ट्र के 17वें मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं.
- पृथ्वीराज साल 2010 में तब पहली बार चर्चा में आए जब कांग्रेस ने अशोक चव्हाण को हटाकर पृथ्वीराज को सीएम की कुर्सी पर बिठा दिया.
- चव्हाण के पिता दाजीसाहब. 1957 से लेकर 1973 तक लगातार चार बार सांसद रह चुके हैं.
- उनके निधन के बाद दाजीसाहब की पत्नी और पृथ्वीराज चव्हाण की मां प्रेमाला काकी भी 1973, 1977, 1984, 1989 और 1991 तक सांसद रहीं.
- प्रेमाला काकी के निधन के बाद ही पृथ्वीराज चव्हाण कांग्रेस में सक्रिय हुए.
- उस वक्त के प्रधानमंत्री राजीव गांधी को कांग्रेस में उन्हें लाने का श्रेय दिया जाता हैं.
- उनके निधन के बाद पृथ्वीराज चव्हाण कराद सीट से चुनाव लड़े और जीतकर सांसद बने.
- पृथ्वीराज ने अपना पहला चुनाव लड़ा था 1991 में और जीत भी दर्ज की थी. तब से वो कांग्रेस में सक्रिय रहे.
- उन्होंने 1991, 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज किया.
- चव्हाण प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री रहे.
- यूपीए सरकार में उन्हें पांच मंत्रालयों का जिम्मा दिया गया.
- चव्हाण कांग्रेस के महासचिव भी रह चुके हैं और उनके पास जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों का प्रभार भी रह चुका है.
अशोक चव्हाण
- ये भोकर विधानसभा से जीते हैं.
- अशोक चव्हाण कांग्रेस के बड़े नेता हैं.
- दो बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे.
- कार्यकाल एक बार भी पूरा नहीं कर सके.
- राज्य कैबिनेट में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं.
- सांसद भी रह चुके हैं.
- हाल ही में लोकसभा चुनाव भी लडे लेकिन हार गए.
- आदर्श सोसायटी घोटाले में भी इका नाम आ चुका है.
- 2009 में अशोक चव्हाण ने निर्दलीय उम्मीदवार माधवराव भुजंगराव किनहलकर को हराकर इस सीट को जीती थी.
- 2014 में अशोक चव्हाण ख़ुद तो सांसदी का चुनाव लड़े और जीते.
- वो लोकसभा में थे, तो विधानसभा में उनकी पत्नी अमीता चव्हाण यहां से खड़ी हुईं. उनका भी मुकाबला माधवराव भुजंगराव किनहलकर से था, जो कि BJP के टिकट पर चुनाव लड़े थे. इस मुकाबले में अमीता जीती थीं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो