शिबपुर विधानसभा सीट पर क्या TMC फिर से दोहराएगी इतिहास, जानें पूरा हाल
2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से जाटू लाहिड़ी ने एआईएफबी के जगन्नाथ भट्टाचार्य को 27,014 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी. शिबपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है.
नई दिल्ली :
शिबपुर विधानसभा सीट विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में आती है. साल 2016 में शिबपुर विधानसभा सीट पर कुल 78 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से जाटू लाहिड़ी ने एआईएफबी के जगन्नाथ भट्टाचार्य को 27,014 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी. शिबपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. यह विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल में हावड़ा के अंतर्गत आती है.
आपको बता दें कि साल 2016 में हुए शिबपुर विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल दो लाख सोलह हजार नौ सौ अठ्ठासी (216988) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में शिबपुर विधानसभा सीट से कुल एक लाख उनहत्तर हजार नौ सौ चौरानवे (169994) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 51.07 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 48.93 फीसदी महिला मतदाता हैं.
शिबपुर विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. जाटू लाहिड़ी ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए शिबपुर विधानसभा सीट से अपने निकटम प्रतिद्वंदी एआईएफबी के जगन्नाथ भट्टाचार्य को 27,014 वोटों से शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी राम प्रसाद भट्टाचार्य 13,363 वोटों के साथ रहे.
साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
शिबपुर विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 78 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से जाटू लाहिड़ी ने निकटम प्रतिद्वंदी एआईएफबी के जगन्नाथ भट्टाचार्य को 27,014 वोटों से शिकस्त दी थी. शिबपुर विधानसभा सीट हावड़ा जिले के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रंतिदेव सेन गुप्ता को 103695 से हराया था.
बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.
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