Satish Poonia : राजस्थान की राजनीति में कैसे बढ़ा सतीश पूनिया का कद, जानें सियासी सफर
Satish Poonia : सतीश पूनिया ने 2004 से 2006 तक राजस्थान बीजेपी में प्रदेश महासचिव और 2006 से 2007 तक प्रदेश मोर्चा प्रभारी के रूप में भी अहम भूमिका निभाई. वो 2004 से 2014 तक चार बार विभिन्न संगठनात्मक कार्यों के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासच
नई दिल्ली:
Satish Poonia : राजस्थान बीजेपी में तो वैसे कई नेता अपने कामों को लेकर चर्चा में रहते हैं, लेकिन एक जाट नेता का नाम प्रमुखता ले लिया जाता है. जिसने पार्टी के अध्यक्ष पद पर रहते हुए कई आंदोलन और रोड शो कर पार्टी में जान फूंकी है. हम बात कर रहे हैं सतीश पूनिया की. ये राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और आमेर सीट से बीजेपी ने उन्हें फिर से टिकट दिया है. ये राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. सतीश पूनिया का जन्म चुरु जिले के राजगढ़ में 24 अक्टूबर 1964 को हुआ था. वो किसान परिवार से आते हैं. उनके पिता सुभाष चंद्र पूनिया राजगढ़ पंचयात समिति के पूर्व प्रधान भी रह चुके हैं. और उनके चाचा सरामस्वरूप पूनिया स्वतंत्रता सेनानी भी रहे हैं. देश की आजादी में इनके परिवार का बड़ा योगदान है.
सतीश पूनिया ने 2004 से 2006 तक राजस्थान बीजेपी में प्रदेश महासचिव और 2006 से 2007 तक प्रदेश मोर्चा प्रभारी के रूप में भी अहम भूमिका निभाई. वो 2004 से 2014 तक चार बार विभिन्न संगठनात्मक कार्यों के साथ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे. सुदूर जनजातीय क्षेत्रों से सीमांत रेगिस्तानी क्षेत्रों में सघन प्रवास से लेकर गांव-गांव तक पार्टी को मजबूत करने और विभिन्न राजनीतिक आंदोलनों का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने जैसी कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं.
वर्ष 2011 में पूनिया वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की जन चेतना यात्रा के संयोजक बने. पूनिया 2010 और 2015 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. भाजपा नेता सतीश पूनिया की शुरुआती शिक्षा राजगढ़ से हुई है. इसके बाद उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई चूरू से पूरी की. उन्होंने साल 1989 में महाराजा कॉलेज (राजस्थान विश्वविद्यालय) से ग्रुजेएट की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की. सतीश पूनिया बालकाल्य से ही आरएसएस के स्वयंसेवक हैं. छात्र जीवन में वो एबीवीपी में शामिल हो गए और कई पदों पर रहे. सतीश पूनिया ने राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव में हिस्सा लिया था यही से वो राजनीति मैदान में कूद गए. 1989 में वह राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र संघ के महासचिव भी बने.
इसके बाद 1992 में वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव बने. 1998 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद 2018 में वो जयपुर विधानसभा के आमेर सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. इसी दौरान बीजेपी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया. समाज सेवा और सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा लेने का काम वो बचपन से करते आ रहे हैं.
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