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सांकरेल विधानसभा सीट पर क्या TMC फिर दोहराएगी इतिहास, जानें पूरा समीकरण

साल 2016 के विधानसभा चुनाव में सांकरेल विधानसभा सीट से कुल एक लाख तिरनावे हजार छब्बीस (193026) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. इस विधानसभा सीट पर 52.09 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 47.19 फीसदी महिला मतदाता हैं.   

Updated on: 30 Jan 2021, 12:52 PM

नई दिल्ली :

सांकरेल विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में आती है. साल 2016 में सांकरेल विधानसभा सीट पर कुल 79 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से शीतल कुमार सरदार ने सीपीएम के समीर मलिक को 14,757 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी. सांकरेल विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. यह विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल में हावड़ा के अंतर्गत आती है. 

आपको बता दें कि साल 2016 में हुए सांकरेल विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल दो लाख चव्वालिस हजार एक सौ अठ्ठासी (244188) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में सांकरेल विधानसभा सीट से कुल एक लाख तिरनावे हजार छब्बीस (193026) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 52.09 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 47.19 फीसदी महिला मतदाता हैं.   

सांकरेल विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. शीतल कुमार सरदार ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सांकरेल विधानसभा सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सीपीएम के समीर मलिक को 14,757 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी प्रभाकर पंडित 28,006 वोटों के साथ रहे. वहीं इस विधानसभा सीट पर 2,195 वोटों के साथ नोटा चौथे नंबर पर रहा.

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
सांकरेल विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 74 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से ब्रजमोहन मजुमदार ने निकटम प्रतिद्वंदी सीपीएम के अरिंदम बसु (बाबू) को 16194 वोटों से शिकस्त दी थी. सांकरेल विधानसभा सीट हावड़ा जिले के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रंतिदेव सेन गुप्ता को 103695 से हराया था.

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.