जानिए असम की रताबारी विधानसभा सीट का हाल, इस बार कौन मारेगा बाजी
रताबारी विधानसभा सीट असम की महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. साल 2016 में रताबारी विधानसभा सीट पर कुल 76 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में भारतीय जनता पार्टी से कृपानथ मल्लाह ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के अखिल रंजन तालुकदार को 24526 वोटों के अंतर स
highlights
- पिछले विधानसभा चुनाव में हुई थी 76 फीसदी वोटिंग
- कृपानाथ मल्लाह ने 24526 वोटों से जीत दर्ज की थी
- राजीब बिस्वास 23,926 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहीं
डिब्रूगढ़:
रताबारी विधानसभा सीट (Ratabari Assembly Election) असम की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, इस विधानसभा सीट पर साल 2016 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. इस बार रताबारी विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है. NewsNationTV.com आपके लिए लाया है असम विधानसभा (Assam Assembly Constitwency) सीटों के बारे में विस्तृत कवरेज, जिसमें आप विधानसभा सीट पर प्रत्याशियों की सूची, पार्टी प्रचार व अन्य खबरों के साथ-साथ जान सकेंगे यहां के विजेता, उपविजेता, वोट शेयर के बारे में जान सकेंगे.
आपको बता दें कि रताबारी विधानसभा सीट असम की महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. साल 2016 में रताबारी विधानसभा सीट पर कुल 76 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में भारतीय जनता पार्टी से कृपानथ मल्लाह ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के अखिल रंजन तालुकदार को 24526 वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में दूसरे नंबर पर कांग्रेस के अखिल रंजन तालुकदार रहे थे जिन्हें 29,449 वोट मिले थे जबकि एआईयूडीएफ के राजीब बिस्वास 23,926 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे.
साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
साल 2016 के विधानसभा चुनाव में रताबारी विधानसभा सीट कुल 76 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2016 में रताबारी विधानसभा सीट पर कुल 76 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में भारतीय जनता पार्टी से कृपानथ मल्लाह ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के अखिल रंजन तालुकदार को 24526 वोटों के अंतर से हराया था. रताबारी विधानसभा सीट गुवाहाटी के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं क्वीन ओझा, जो भारतीय जनता पार्टी से हैं. उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस के बोबीता शर्मा को 345606 से हराया था.
असम विधानसभा चुनाव की तारीखें
पहला चरण (47 सीट)
नोटिस जारी होने की तिथिः 2 मार्च
नामांकन की अंतिम तिथिः 9 मार्च
नामांकन जांचने की तिथिः 10 मार्च
नाम वापस लेने की तिथिः 12 मार्च
वोटिंग की तिथिः 27 मार्च
दूसरा चरण (39 सीट)
नोटिस जारी होने की तिथिः 5 मार्च
नामांकन की अंतिम तिथिः 12 मार्च
नाम वापस लेने की तिथिः17 मार्च
वोटिंग की तिथिः 1 अप्रैल
तीसरा चरण (40 सीट)
नोटिस जारी होने की तिथिः 12 मार्च
नामांकन की अंतिम तिथिः 19 मार्च
नामांकन जांचने की तिथिः 20 मार्च
नाम वापस लेने की तिथिः 22 मार्च
वोटिंग की तिथिः 6 अप्रैल
मौजूदा विधानसभा की स्थिति (प्रदेश/सीटें)
बीजेपी/ 60
एजीपी /14
कांग्रेस/ 26
एआईयूडीएफ/ 13
बीओपीएफ/ 12
अन्य/ 1
असम में सीटों की है ये स्थिति
असम में विधानसभा की 126 सीटें हैं. साल 2016 के चुनाव में बीजेपी को यहां पहली बार सरकार बनाने का मौका मिला था. सर्वानंद सोनोवाल के नेतृत्व में भगवा पार्टी ने 15 साल से सत्ता में काबिज कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका था. बीजेपी को 60 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस को 26 सीटें मिली थीं. बीजेपी की सहयोगी असम गण परिषद ने 14 सीटें हासिल की थीं.
असम विधानसभा चुनाव में हावी रहेंगे ये मुद्दे
बीजेपी ने पहली बार असम में साल 2016 में सरकार बनाई थी. सत्ता में रहने के बाद इस बार जब बीजेपी चुनाव में जाएगी तो उस पर पांच साल के कामों का हिसाब देने का दबाव होगा. ऐसे में प्रदेश के विकास के मुद्दे बीजेपी के लिए ज्यादा अहम होंगे. कांग्रेस क्षेत्रीयता के मुद्दे और एनआरसी को लेकर बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश कर सकती है. संसद में सीएए पास होने के बाद असम में इसका सबसे ज्यादा विरोध किया गया था. इसके अलावा प्रदेश में एनआरसी रजिस्टर में गड़बड़ियों को लेकर भी बीजेपी की सरकार लगातार निशाने पर रही है. ऐसे में इन मुद्दों पर बीजेपी रक्षात्मक मोड में हो सकती है. वहीं कांग्रेस इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगी.
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