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राशबिहारी विधानसभा सीट पर इतिहास दोहरा पाएगी TMC या BJP मारेगी बाजी

इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के सोभनदेब चट्टोपाध्याय जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आशुतोष बनर्जी हराया था.

Updated on: 23 Dec 2020, 09:57 PM

राशबिहारी:

राशबिहारी विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल बेहद महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. इस विधानसभा सीट से मौजूदा टीएमसी के सोभनदेब चट्टोपाध्याय जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने साल 2016 के विधानसभा चुनाव में अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आशुतोष बनर्जी हराया था. आपको बता दें कि साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कुल दो लाख पांच हजार नौ सौ तैतालिस (205943) मतदाता थे. साल 2016 के विधानसभा चुनाव में राशबिहारी विधानसभा सीट से कुल एक लाख अड़तीस हजार दो सौ उनचालिस (138239) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 50.56 फीसदी पुरुष मतदाता हैं, जबकि 49.44 फीसदी महिला मतदाता हैं.   

राशबिहारी विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. सोभनदेब चट्टोपाध्याय ने पिछले विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए राशबिहारी से अपने निकटम प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी आशुतोष बनर्जी को 14,553 वोटों के भारी अंतर से हराया था, वहीं इस चुनाव में तीसरे नंबर पर 23,381 वोटों के साथ बीजेपी कैंडिडेट समीर बनर्जी थे जबकि यहां पर भी 3,872 वोटों के साथ चौथे स्थान पर नोटा रहा. 

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
राशबिहारी विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 67 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के आशुतोष बनर्जी को 14,553 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. विधानसभा सीट कोलकाता दक्षिण के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं माला रॉय, जो ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के चंद्र कुमार बोस को 155192 से हराया था.

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.