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कांग्रेस का सॉफ्ट हिन्‍दुत्‍व: मानसरोवर से महाकाल तक राहुल गांधी की 'धर्मयात्रा'

पहले लोकसभा चुनाव और उसके बाद राज्‍यों में भाजपा से करारी मात मिलने के बाद गुजरात चुनाव के ऐन पहले कांग्रेस ने सॉफ्ट हिन्‍दुत्‍व की राह अपनाई थी. इसके तहत राहुल गांधी ने गुजरात के कई मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन किए, पुजारियों-महंतों से मिले और धामिर्क सभाओं में हिस्‍सा लिया.

Updated on: 29 Oct 2018, 12:09 PM

नई दिल्ली:

पहले लोकसभा चुनाव और उसके बाद राज्‍यों में भाजपा से करारी मात मिलने के बाद गुजरात चुनाव के ऐन पहले कांग्रेस ने सॉफ्ट हिन्‍दुत्‍व की राह अपनाई थी. इसके तहत राहुल गांधी ने गुजरात के कई मंदिरों में देवी-देवताओं के दर्शन किए, पुजारियों-महंतों से मिले और धामिर्क सभाओं में हिस्‍सा लिया. उन्‍होंने यह जताने की कोशिश की कि कांग्रेस भी हिन्‍दुओं की हिमायती है और वह केवल मुसलमानों के बारे में ही नहीं सोचती. गुजरात विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को इसका लाभ भी मिला और उसने सत्‍तारूढ़ भाजपा को कड़ी टक्‍कर दी. हालांकि वह सत्‍ता में नहीं आ सकी, लेकिन इससे बेजान सी कांग्रेस में नई जान आ गई. अब मध्‍य प्रदेश, छत्‍तीसगढ़ समेत पांच राज्‍यों में हो रह चुनाव में भी राहुल मंदिरों, मठों, गुरुद्वारों की शरण में हैं.

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आज से राहुल गांधी एक बार फिर मध्‍य प्रदेश के दो दिन के दौरे पर हैं. पिछली बार राहुल ने अपने दौरे की शुरुआत दतिया के पीतांबरा पीठ में पूजा-अर्चना से की थी. इसके बाद वह ग्‍वालियर के दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारा में मत्‍था भी टेका था. इस बार राहुल उज्‍जैन के महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे.दरअसल मंदिर इसलिए अहम हैं क्योंकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की आधी सीटों पर इन्‍हीं मंदिरों का प्रभाव है, एमपी में 230 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से 109 सीटें ऐसी हैं, जो 8 बड़े धर्मस्थलों के प्रभाव में रहती हैं. महाकाल दरबार का 33 सीटों पर असर है.वहीं पीतांबरा पीठ का 28, रामराजा दरबार का 11, सलकनपुर मंदिर का 9 और मैहर, कामतानाथ मंदिर का 28 सीटों पर प्रभाव है.

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उत्‍तराखंड में भी गए थे मंदिर-मंदिर, उत्‍तर प्रदेश में किया था परहेज

कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने उत्‍तराखंड के विधानसभा चुनावों के समय भी यही तरीका अपनाया. वहां भी उन्‍होंने कई मंदिरों में जाकर देवी-देवताओं के दर्शन किए और महंतों व पुजारियों से आशीर्वाद लिया. हालांकि चुनाव में इसका खास फायदा नहीं मिल सका था. दूसरी ओर, उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी मंदिरों में जाने को लेकर उतने उत्‍सुक नहीं दिखे. इसका कारण यह था कि राज्‍य में मुस्‍लिम आबादी अधिक है और इससे मुसलमान वोटर उनसे नाराज हो सकते थे.

कैलास मानसरोवर की यात्रा पर गए थे

कुछ दिनों पहले राहुल गांधी ने कैलास मानसरोवर जाकर भगवान शंकर से आशीष ली थी. कैलास मानसरोवर जाकर उन्‍होंने कई ट्वीट भी किए थे, जिस पर काफी वाद-विवाद भी हुआ था. राहुल गांधी के अनुसार, वह भगवान शंकर को आराध्‍य मानते हैं.