मायावती बोलीं, कांग्रेस गलत नीतियों के कारण आज केंद्र के साथ कई राज्यों में सत्ता से है बाहर
इस रैली में बसपा और अकाली दल के नेता अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पहुंचे. पंजाब में 12 दिन बाद वोटिंग होने वाली है। मायावती नवांशहर में दाना मंडी रैली स्थल को संबोधित करने पहुंचीं.
highlights
- बसपा सुप्रीमो मायावती ने पंजाब के नवांशहर से हुंकार भरी
- कहा, कांग्रेस जातिवादी होने के कारण पिछड़े वर्गों के खिलाफ रही है.
नई दिल्ली:
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पंजाब के नवांशहर से हुंकार भरी. पंजाब में 12 दिन बाद वोटिंग होने वाली है. इस रैली में बसपा और अकाली दल के नेता अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पहुंचे. मायावती नवांशहर में दाना मंडी रैली स्थल को संबोधित करने पहुंचीं. उन्होंने कहा, 'कोरोना नियमो का पालन करते हुए सभी उम्मीदवारों के समर्थन में आप मुझे और सुखबीर बादल को सुनने आये ,आपका धन्यवाद. आज सरदार प्रकाश सिंह बादल की तबियत खराब होने के कारण नहीं आ पाए मैं उनके स्वास्थ्य की कामना करती हूं. यहां मैं प्रकाश सिंह बादल जी के बारे में कहना चाहूंगी कि प्रकाश जी की सेवा का भाव में से नहीं निकला है इसलिए वो अब भी विधयक का चुनाव लड़ रहे है, जिस सीट से वो चुनाव लड़ रहे है मैं चाहूंगी वो उस सीट पर उन्हें भारी मतों से जरूर जिताये.'
अधूरे पड़े कामों को पूरा करने में पार्टी लगी है
बसपा सुप्रीमो बोलीं, 'मैं बाबा साहेब और उनके देहांत के बाद पंजाब स्टेट में जन्मे उनके मिशन को आगे बढ़ाने वाले काशीराम जी को भी नमन करती हूं. ये दोनों हमारे बीच में नहीं रहे हैं. इनके अधूरे पड़े कामों को पूरा करने में पार्टी लगी है. इसी लिए इस बार बसपा ने गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैंसला लिया है. पंजाब स्टेट में कांग्रेस पार्टी सत्ता में असींन है लेकिन गलत नीतियों के कारण ये पार्टी केंद्र पर कई राज्यों में सत्ता से बाहर हो गई है और अब पंजाब से भी बाहर हो जाएगी. ये पार्टी जातिवादी होने के कारण पिछड़े वर्गों के खिलाफ रही है. अपनी पूरी जिंदगी इनके मूवमेंट को आगे बढ़ाने वाले माननीय काशीराम के देहांत होने पर भी इस पार्टी की सरकार होने के बाद भी 1 दिन का शोक नही घोषित किया था. अब केंद्र व बाकी राज्यो की सत्ता से बाहर होने पर दलित आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गों की वोट की खातिर अलग-अलग नाटक करती है.
सबसे पहले दलित चेहरे को ही दरकिनार कर दिया जाएगा
मायावती ने कहा, अपने राजनीतिक स्वार्थ में क्यों ना दलित समाज से मुख्यमंत्री क्यों ना बना दे लेकिन वो पूरे तौर पर काम नहीं कर सकता क्योंकि ये पार्टी रिमोट गैर दलितों के हाथ मे ही रखना चाहती है. मुझे मीडिया के मालूम हुआ कि इन्होंने चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है पर ये उन्होंने दलितों के वोट के खातिर किया है,अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो सबसे पहले दलित चेहरे को ही दरकिनार कर दिया जाएगा, चनन्नी को भी समझना चाहिए कि वो क्यों बनाया गया है और वो भी चले गए हिमाचल मंडूर में हमे ऐतराज नहीं है ,अच्छा होता वो संत गुरु रविदास जी के मंदिर में चले जाते लेकिन वो नहीं गए ये भी सोचने की बात है.
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