यहां देखें पुडुचेरी विधानसभा चुनाव 2021 का पूरा कार्यक्रम
पुडुचेरी में सिर्फ एक चरण में ही चुनाव होंगे. पुडुचेरी में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव होंगे और 2 मई को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे.
नई दिल्ली:
शुक्रवार को देश के चार राज्यों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी (Puducherry) में भी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तारीखों का ऐलान हो गया. दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव की तारीखों की घोषणा की. पुडुचेरी में सिर्फ एक चरण में ही चुनाव होंगे. पुडुचेरी में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनाव होंगे और 2 मई को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए चुनाव होंगे और सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा.
आइए एक नजर डालते हैं पुडुचेरी विधानसभा चुनाव से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीखों पर
अधिसूचना जारी होने की तारीख 12 मार्च 2021 (शुक्रवार)
नामांकन की आखिरी तारीख 19 मार्च 2021 (शुक्रवार)
दाखिल नामांकन की जांच की आखिरी तारीख 20 मार्च 2021 (शनिवार)
नामांकन वापस लेने की तारीख 22 मार्च 2021 (सोमवार)
मतदान की तारीख 6 अप्रैल 2021 (मंगलवार)
मतगणना 2 मई 2021 (रविवार)
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मतदाताओं की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि महामारी के बाद इलेक्शन कमीशन ने सफल चुनाव कराए हैं. सभी चुनावी राज्यों में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दौरा किया है. पांचों राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान पर्याप्त मात्रा में केंद्रीय सुरक्षाबलों तैनात किया जाएगा. संवेदनशील बूथों की पहचान की गई है.
पुडुचेरी में इसी हफ्ते राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है. यहां विधानसभा की 30 सीटें हैं. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में वी. नारायण सामी मुख्यमंत्री थे, लेकिन हाल ही में विधानसभा में बहुमत साबित ना करने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. वर्तमान में यहां राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 15 सीटें जीती थी. उसके बाद एआईएडीएमके को 4, एआईएनआरसी को 8, डीएमके को 2 और अन्य को 1 सीटें मिली थीं. यहां सरकार बनाने के लिए 16 सीटों की जरूरत होती है. पुडुचेरी में 3 मनोनीत पद भी हैं जिन पर बीजेपी के नेता काबिज हैं. पिछले दिनों पुडुचेरी की राजनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिली थी. बहुमत साबित नहीं कर पाने की वजह से वहां कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. फिलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है.
पुडुचेरी विधानसभा में तीन सदस्यों को नामित किया जाता है. 1963 में तीन सदस्यों को नामित करने का प्रावधान किया गया था. 1985 में पहली बार एमओएच फारूक की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में इसका इस्तेमाल किया गया था और उस समय से अभी तक यह लगातार जारी है.
2016 के कांग्रेस को मिली थी 15 सीट
2016 के चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने डीएमके साथ मिलकर सरकार बनाई थी. मुख्य विपक्षी दल एआईएनआरसी को 8 सीटों पर जीत मिली थी. बता दें कि कांग्रेस और डीएमके गठबंधन सरकार के कई विधायकों के द्वारा इस्तीफा दिए जाने की वजह से सदन में वी. नारायणसामी के नेतृत्व वाली सरकार का संख्या बल सिर्फ 11 रह गया था. विपक्ष के पास मौजूदा समय में 14 विधायक थे.
फिलहाल लगा है राष्ट्रपति शासन
कांग्रेस सरकार के गिर जाने के बाद किसी भी पार्टी ने पुडुचेरी में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया था. राष्ट्रपति ने केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की सरकार अधिनियम, 1963 (1963 का 20) के विभिन्न प्रावधानों को निलंबित कर दिया है. केंद्र सरकार की सिफारिश पर राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी अधिसूचना में के मुताबिक 22 फरवरी को केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की प्रशासक से मिली रिपोर्ट के बाद राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया है.
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