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पीएम मोदी के दौरे से पहले छत्‍तीसगढ़ में नक्सलियों ने खेली खून की होली, जवान सहित 5 लोगों को मार डाला, देखें वीडियो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्‍तीसगढ़ दौरे के एक दिन पहले गुरुवार को दंतेवाड़ा में नक्‍सिलयों ने बड़ा हमला कर सुरक्षा व्‍यवस्‍था को चुनौती दी है. गुरुवार को नक्सलियों ने CISF जवानों से भरी एक बस को आईईडी ब्‍लास्‍ट से उड़ा दिया. इस हमले में 5 लोग मारे गए हैं. इसमें ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर और एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई. दंतेवाड़ा में दूसरी बड़ी घटना है. कुछ दिन पहले चार जवान यहीं पर शहीद हुए थे. दो जवानों की हालत बेहद गंभीर बतायी जा रही है.

Updated on: 08 Nov 2018, 07:41 PM

रायपुर:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छत्‍तीसगढ़ दौरे के एक दिन पहले गुरुवार को दंतेवाड़ा में नक्‍सिलयों ने बड़ा हमला कर सुरक्षा व्‍यवस्‍था को चुनौती दी है. गुरुवार को नक्सलियों ने CISF जवानों से भरी एक बस को आईईडी ब्‍लास्‍ट से उड़ा दिया. इस हमले में 5 लोग मारे गए हैं. इसमें ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर और एक जवान की मौके पर ही मौत हो गई. दंतेवाड़ा में दूसरी बड़ी घटना है. कुछ दिन पहले चार जवान यहीं पर शहीद हुए थे. दो जवानों की हालत बेहद गंभीर बतायी जा रही है. 

यह भी पढ़ें ः नक्‍सलियों के गढ़ बस्‍तर में पांच साल बाद आ रहे हैं नरेंद्र मोदी, 30 साल पुराना है यहां से नाता

बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को बस्‍तर के जगदलपुर में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इस संभाग की 18 में से केवल 6 सीटे ही बीजेपी के पास हैं. आज से पांचवें दिन पहले चरण के लिए 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. ऐसे में मोदी का यह दौरा काफी महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है. इस चरण की ज्यादातर सीटें नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं. इधर नक्सलियों के चुनाव बहिष्कार की घोषणा और लगातार हो रहे हमलों के बीच शांतिपूर्ण मतदान करना चुनाव आयोग के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी. 

VIDEO: हमले का वीडियो

बता दें प्रदेश खुफिया विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने कुछ दिन पहले मीडिया को बताया था कि बस्तर में नक्सली अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके प्रभाव का क्षेत्र काफी सिमटकर रह गया है लेकिन चुनाव की गहमागहमी के दौरान वे कुछ बड़ा नुकसान पहुंचाने की फिराक में हैं. वे या तो राजनेता, नौकरशाह, सुरक्षाकर्मी, मतदानकर्मियों या मीडिया के लोगों को बड़ा शिकार बनाना चाहते हैं, क्योंकि चुनाव को लेकर इलाके में इनकी आवाजाही शुरू हो गई है.

उन्होंने यह भी कहा था कि बस्तर के लोगों ने नक्सलियों का साथ देना छोड़ दिया है. गुरिल्ला युद्ध में प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी उनको अब कड़ी शिकस्त दे रहे हैं. सरकार ने भीतरी इलाके में विकास कार्य शुरू कर दिया है. इसलिए नक्सली अब आसानी से किसी को निशाना बनाने की कोशिश में है, क्योंकि वे अपनी सक्रियता का संदेश देना चाहते हैं.

कब और कहां नक्सली हमले

  • 13 मार्च 2018:सुकमा में लैंडमाइन ब्लास्ट में 9 जवान शहीद, 25 घायल
  • 11 मार्च 2017: सुकमा के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सली हमला, 11 सीआरपीएफ जवान शहीद.
  • 11 मार्च 2014: टाहकवाड़ा में सीआरपीएफ पर नक्सली हमला, 16 जवान शहीद.
  • जुलाई 2007: छत्तीसगढ़ के एर्राबोर अंतर्गत उरपलमेटा एम्बुश में 23 सुरक्षाकर्मी मारे गए.
  • अगस्त 2007: छत्तीसगढ़ के तारमेटला में मुठभेड़ में थानेदार सहित 12 जवान शहीद हुए.
  • 1 दिसंबर 2014: सुकमा में सीआरपीएफ की 233 बटालियन पर हमला, 13 जवानों शहीद.
  • 12 जुलाई 2009: राजनांदगांव के एम्बुश नक्सलियों के हमले में 29 जवान हुए थे शहीद.
  • 6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हुए.
  • सितम्बर 2005: बीजापुर स्थित गंगालूर रोड पर एंटी-लैंडमाइन वाहन पर ब्लास्ट, 23 जवान शहीद.