बिहार विधान सभा चुनाव का विगुल बज चुका है. चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों का ऐलान कर दिया है. सियासी पार्टियों ने अपने-अपने समीकरण सेट करने में चुनावी रणनीति बनाना शुरु कर दिया हैं. इस बार बिहार में 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर और सात नवंबर को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. इस बार दस नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.
सभी राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन उससे पहले हम फुलपरास विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.
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फुलपरास विधानसभा सीट के बारे में-
बिहार की 243 विधानसभाओं में से एक फुलपरास विधानसभा सीट का सीट क्रमांक 39 है. यह विधानसभा झंझारपुर के लोकसभा क्षेत्र और मधुबनी जिले के अंतर्गत आती है. इस सीट से जनता दल युनाइटेड की गुलजार देवी विधायक हैं. यह बिहार की पिछड़े इलाकों में से एक है. रोजगार, शिक्षा और अस्पताल अब भी इस विधानसभा में बड़ा चुनावी मुद्दा है.
2015 के चुनाव में जेडीयू की गुलजार देवी ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी राम सुंदर यादव को पटखनी दी थी. गुलजार देवी को जहां 64,368 मत हासिल हुए, वहीं बीजेपी के राम सुंदर यादव को 50,953 वोट मिले.
इस चुनाव में कुल 13 लोग चुनावी समर में उतरे थे लेकिन 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. लगभग 52.63 फीसदी लोगों ने मतदान में हिस्सा लिया था. दोनों प्रत्याशियों में जीत का अंतर 13,415 था.
साल 1951 में पहली बार इस विधानसभा सीट पर चुनाव हुए. तब इस सीट से काशीनाथ मिश्रा पहले विधायक चुने गए. वे कांग्रेस पार्टी से थे. 1957 और 1962 के चुनाव में भी यह सीट कांग्रेस के हाथ में ही रही और विधायक बने रसिक लाल यादव. फिर सत्ता परिवर्तन हुआ एसएसपी के डीएल मंडल 1967 में चुने गए. 2010 और 2015 के चनाव में यह सीट जेडूयी को ही मिली.
मतदाताओं की संख्या-
- कुल मतदाता- 2,81,814
- पुरुष - 1,47,518
- महिला- 1,34,290
Source : News Nation Bureau