बीजेपी की सरकार गिरने और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में सरकार बनाने की सहमति बन जाने के बाद अब एक और घमासान मच गया है. यह घमासान किसी और दल में नहीं, बल्कि एनसीपी में ही मचा है. अजित पवार और उनके समर्थक उपमुख्यमंत्री पद के लिए अड़े हुए हैं, जबकि शरद पवार का खेमा छगन भुजबल या फिर जयंत पाटिल को यह पद देना चाहता है. दरअसल, शरद पवार 23 नवंबर के बाद के घटनाक्रम से अजित पवार को लेकर असहज हैं. इसलिए वो उन्हें पार्टी में साइड लाइन करना चाहते हैं, जबकि अजित पवार हर हाल में पार्टी में अपना दमखम कायम रखना चाहते हैं.
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यह भी कहा जा रहा है कि अजित पवार तमाम जद्दोजहद के बाद शरद पवार डिप्टी सीएम का पद अजित पवार को देने को राजी हो गए हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि वे आज शपथ नहीं ले पाएंगे. इससे पहले शरद पवार खेमे से खबर आई थी कि डिप्टी सीएम का पद प्रदेशाध्यक्ष और विधायक दल के नए नेता जयंत पाटिल को या फिर छगन भुजबल को दिया जा सकता है.
इसी के बाद से अजित पवार का खेमा सक्रिय हो गया और अजीत पवार को डिप्टी सीएम बनाने की मांग तेज हो गई.
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23 नवंबर को अजित पवार ने अप्रत्याशित कदम उठाते हुए एनसीपी और शरद पवार को बड़ा झटका दिया था, जब उन्होंने देवेंद्र फडणवीस सरकार में डिप्टी सीएम पद की कुर्सी हथिया ली थी. कहा तो यह भी जा रहा है कि 23 नवंबर से पहले जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार बनने की संभावना प्रबल हो गई थी, तब भी शरद पवार इस पक्ष में नहीं थे कि अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद दिया जाए. शायद इसी के चलते अजित पवार ने बगावत की थी और बीजेपी से जा मिले थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो