महाराष्ट्र के सरकार गठन से सबसे अधिक फायदे में रही एनसीपी, जानिए कैसे
गठबंधन में सबसे बड़ा फायदा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को मिला है. एनसीपी को उपमुख्यमंत्री पद के साथ ही सरकार में सबसे अधिक मंत्रालय मिलने जा रहे हैं.
मुम्बई:
महाराष्ट्र में नए राजनीतिक गठबंधन महाविकास अघाड़ी के गठन में सबसे बड़ा रोल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का है. उन्होंने ही इस गठबंधन में मुख्य भूमिका निभाई. इस गठबंधन की महाराष्ट्र में सरकार बन चुकी है. उद्धव ठाकरे से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बहुमत भी साबित कर दिया है. गठबंधन में सबसे बड़ा फायदा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को मिला है. एनसीपी को उपमुख्यमंत्री पद के साथ ही सरकार में सबसे अधिक मंत्रालय मिलने जा रहे हैं. पहले कांग्रेस का भी उपमुख्यमंत्री बनने की बात सामने आ रही थी लेकिन शरद पवार की नाराजगी के बाद कांग्रेस को पीछे हटना पड़ा.
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सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार में एनसीपी को कुल 16 मंत्रालय मिलने जा रहे हैं. उपमुख्यमंत्री भी शिवसेना का ही होगा. वहीं, शिवसेना के 15 कैबिनेट मिनिस्टर होंगे. कांग्रेस को सिर्फ 12 मंत्री पद से ही संतोष करना होगा. अघाड़ी ने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए आज होने वाले चुनाव में कांग्रेस विधायक नाना पटोले को अपना उम्मीदवार बना रखा है. हालांकि बीजेपी के अध्यक्ष पद के लिए नाम वापस लिए जाने के बाद नाना पटोले का निर्विरोध चुना जाना तय है.
दो डेप्युटी सीएम पर एनसीपी को थी आपत्ति
महाअघाड़ी के गठन के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ 15 दिन पहले दिल्ली में हुई पहली मीटिंग में एनसीपी और शिवसेना महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष और 12 मंत्री पद कांग्रेस को देने पर राजी हुई थी. दोनों दल कांग्रेस को अलग से एक डेप्युटी सीएम का पद देने पर भी सहमत हुए थे. हालांकि बाद में शरद पवार ने कांग्रेस को उपमुख्यमंत्री पद साझा करने से इंकार कर दिया.
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अपने ही जाल में फंसी कांग्रेस
पहले कांग्रेस ने महाअघाड़ी गठबंधन में शामिल होने के लिए उपमुख्यमंत्री पद की मांग की थी. बाद में शिवसेना ने इससे इंकार कर दिया. जब तक बीजेपी की सरकार बनने के बाद मामला कोर्ट चला गया जहां कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ वकीलों की फौज कोर्ट में लगा दी. अब कांग्रेस के सामने समस्या थी कि या तो शरद पवार की बात मान उपमुख्यमंत्री पद की बात छोड़ दें या सरकार में शामिल होने से इंकार कर मीडिया और विपक्षी दलों के हमले झेले. कांग्रेस अपने ही जाल में फंस गई और उसे उपमुख्यमंत्री पद की मांग छोड़नी पड़ी.
अध्यक्ष पद के लिए दिया नाना पटोले का नाम
कांग्रेस को साफ पता चल चुका था कि अब उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है, ऐसे में उसने उपमुख्यमंत्री पद की मांग छोड़ दी. जब स्पष्ट हो गया कि अब समझौते की कोई गुंजाइश नहीं रह गई है तो सोनिया गांधी ने पूर्व सांसद नानाभाई पटोले का नाम स्पीकर के लिए बढ़ा लिया. नाना पटोले बीजेपी के सांसद भी रह चुके हैं और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मोर्चा भी खोल चुके हैं, ऐसे में कांग्रेस ने उनका नाम आगे बढ़ा दिया.
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उद्धव सरकार में होंगे 30 कैबिनेट मंत्री
सूत्रों के मुताबिक उद्धव सरकार में 30 कैबिनेट मंत्री होंगे जबकि 12 राज्यमंत्री बनाए जाएंगे. अहम मंत्री पदों पर बात हो चुकी है लेकिन इसे अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. जानकारी के मुताबिक शिवसेना को शहरी विकास, हाउसिंग, सिंचाई और महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमएसआरडीसी) जैसे मंत्रालय मिल सकते हैं. जबकि एनसीपी गृह, वित्त, योजना, बिजली और वन मंत्रालय जैसे पद अपने पास रख सकती है. उधर कांग्रेस को राजस्व, पीडीडब्लूडी और एक्साइज मंत्रालय मिलने की संभावना है. उद्योग, स्कूल और तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मेडिकल शिक्षा मंत्रालय को लेकर अभी फैसला होना बाकी है.
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