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Bihar Assembly Election 2020: नवादा वीआईपी सीट पर कौन इस बार मारेगा बाजी, होगा रोचक मुकाबला

नवादा विधानसभा सीट वीआईपी सीटों में शुमार है. इस सीट पर तीन दशक से पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव का कब्जा था. 2015-2018 तक राजबल्लभ यादव ने सीट सीट की कमान संभाली.

Updated on: 07 Nov 2020, 11:43 AM

नई दिल्ली :

नवादा विधानसभा सीट वीआईपी सीटों में शुमार है. इस सीट पर तीन दशक से पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव का कब्जा था. 2015-2018 तक राजबल्लभ यादव ने सीट सीट की कमान संभाली. वर्तमान में विधाक कौशल यादव के परिवारों का ही कब्जा है. इस सीट पर कई बार निर्दलीय को भी मौका मिली है. इसलिए अबकी बार कई सियासी पार्टियों के साथ-साथ निर्दलीय भी इस सीट वीआईपी सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं.

अगर आरजेडी और जेडीयू को यह सीट मिलती है तो उनके प्रत्याशी तय हैं. लेकिन महागठबंधन में रहने वाली अन्य पार्टियों को यह सीट जाती है तो चुनाव रोचक होगा. यह भी चर्चा हो रही है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कौशल यादव और राजबल्लभ यादव का परिवार ही आमने-सामने होगा.

नवादा में विधायकों का इतिहास

नवादा विधानसभा क्षेत्र से साल 1990 में कृष्णा प्रसाद ने बीजेपी से चुनाव जीता था. इसके बाद आरजेडी का कमान संभाल लिया. लेकिन 1992 में कृष्णा प्रसाद की सड़क हादसे में मौत ने उनके छोटे भाई राजबल्लभ यादव को कुर्सी संभालने का मौका दिया.

1995 में निर्दलीय और 2000 में आरजेडी से उन्होंने चुनाव जीता. वह श्रम राज्य मंत्री भी बने. इसके बावजूद अगले तीन चुनाव में उन्हें पूर्णिमा यादव से शिकस्त मिल गई. 2015 में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन में राजबल्लभ फिर चुनाव जीते. उन्होंने एनडीए उम्मीदवार बीएलएसपी के इंद्रदेव प्रसाद को मात दी, लेकिन 2016 में नाबालिग रेपकांड में राजबल्लभ में फंस गए. 2018 में उन्हें उम्रकैदकी सजा मिल गई. जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गयी.

साल 2019 में नवादा सीट पर उपचुनाव हुआ. लोकसभा चुनाव के साथ इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव हुआ. जिसमें जेडीयू से कौशल यादव ने जीत हासिल की. उन्होंने 53546 वोट पाकर निर्दलीय प्रत्याशी श्रवण कुशवाहा को हराया.

नवादा में इतने मतदाता


नवादा विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 345010 है. जिसमें पुरुष मतदाता 178564 हैं. वहीं महिला मतदाता166437 है.

नवादा की चुनावी समस्या

नवादा सीट वीआईपी सीट में आता है. इस क्षेत्र में विकास तो हुआ है, लेकिन उतना नहीं जितना होना चाहिए. अच्छी शिक्षा, रोजगार, सड़क और पानी की समस्या अभी भी कई इलाकों में है.