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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को मुलायम सिंह यादव ने खारिज कर दिया है। मुलायम सिंह यादव ने कहा, 'मैं इस गठबंधन (सपा-कांग्रेस) के लिए प्रचार करने कहीं नहीं जाउंगा।' मुलायम ने कहा गठबंधन को लेकर जब मेरी राय ही नहीं ली गई तो फिर मैं प्रचार करने भी नहीं जाउंगा।
सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन होने के बाद पहली बार रविवार को अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई। मीडिया के कई असहज सवालों को टालते हुए राहुल और अखिलेश ने एक-दूसरे का बचाव किया।
जब राहुल गांधी और अखिलेश यादव की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही थी तभी मुलायम सिंह लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। मुलायम की रवानगी के बाद ही कई तरह की अटकलें चलने लगी थीं।
दिल्ली पहुंचने के बाद मुलायम सिंह यादव ने चुप्पी तोड़ते हुए गठबंधन को ही खारिज कर दिया। मुलायम ने कहा, 'समाजवादी पार्टी अकेले अपने बूते पर चुनाव लड़ने और जीतने में सक्षम थी। किसी भी गठबंधन की कोई जरूरत नहीं थी।'
#WATCH Mulayam Singh Yadav says he is against SP-Congress alliance and he won't campaign for them pic.twitter.com/rvdlFR13vt
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2017
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन के तहत कांग्रेस 403 विधानसभा सीटों में से 105 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि समाजवादी पार्टी 298 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
मुलायम कांग्रेस पर जमकर बरसे। मुलायम ने कहा, 'कांग्रेस की वजह से देश पिछड़ा और उत्तर प्रदेश में सत्ता हथियाने के लिए अखिलेश ने यह समझौता किया। इसकी जरूरत नहीं थी। हम अकेले बना लेते सरकार। हमें जनता ने बहुमत दिया लेकिन हमने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया।' मुलायम ने कहा कि अखिलेश अब सभी काम हमारी मर्जी के खिलाफ काम कर रहे हैं।
मुलायम यही नहीं रुके। उन्होंने कहा, 'अखिलेश ने मेरा राजनैतिक जीवन बर्बाद कर दिया। कार्यकर्ताओं को इस समझौते के खिलाफ बोलना और प्रचार करना होगा। हमारे नेता और कार्यकर्ता चुनाव लड़ने से वंचित रह गए। उनका क्या होगा?'
सपा की जूही सिंह ने मुलायम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम सभी नेताजी से हैं। लेकिन अगर वह हमें आशीर्वाद नहीं देते हैं या हमारे लिए प्रचार नहीं करते हैं, तब भी उनका आशीर्वाद हमारे साथ होगा।' सिंह ने कहा, 'हम नेताजी की भावना का सम्मान करते हैं लेकिन सपा और कांग्रेस मिलकर सरकार बनाने जा रही हैं। हम नेताजी से प्रचार करने का आग्रह करते रहेंगे।'
मुलायम सिंह यादव शुरू से ही कांग्रेस और सपा के बीच गठबंधन के खिलाफ थे लेकिन अखिलेश कांग्रेस के साथ गठबंधन का संकेत दे रहे थे। अखिलेश यादव के सपा प्रमुख बनने के बाद मुलायम सिंह पार्टी के किसी भी हालिया कार्यक्रम में नहीं देखे गए। पार्टी के घोषणापत्र के दौरान भी मुलायम नहीं आए, जिसके बाद अखिलेश ने मुलायम की गैर मौजूदगी में ही पार्टी के घोषणापत्र को जारी कर दिया।
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HIGHLIGHTS
- समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को मुलायम ने किया खारिज, कहा गठबंधन के बिना भी चुनाव जीत सकती थी सपा
- मुलायम ने कहा, अखिलेश ने केवल सत्ता हथियाने के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया
Source : News State Buraeu