logo-image

मोरवा विधानसभा सीटः सहनी समाज पर है सभी को भरोसा

साल 2008 के परिसीमन के बाद मोरवा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था. मोरवा विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर जिले का हिस्सा है पर उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है. इसमें मोरवा प्रखंड के अलावा ताजपुर के 12 और पटोरी प्रखंड के 8 पंचायतों को शामिल है.

Updated on: 06 Nov 2020, 06:25 PM

मोरवा :

साल 2008 के परिसीमन के बाद मोरवा विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया था. मोरवा विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर जिले का हिस्सा है पर उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र में आता है. इसमें मोरवा प्रखंड के अलावा ताजपुर के 12 और पटोरी प्रखंड के 8 पंचायतों को शामिल है. परिसीमन के बाद वर्ष 2010 में पहली बार मोरवा विधानसभा क्षेत्र का चुनाव हुआ था जिसमें जदयू के बैधनाथ सहनी ने अपनी शानदार जीत दर्ज की थी. 

इस बार माना जा रहा है कि मोरवा विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और जेडीयू के बीच सीधा मुकाबला है. बता दें इस सीट से शिवसेना के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं. राष्ट्रीय जनता दल ने  इस सीट पर रणविजय साहू को उतरा है. जदयू के तरफ से सहनी समाज के मौजूदा विधायक विद्या सागर निषाद फिर से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने कुमार अनंत और लोक जनशक्ति पार्टी ने  अभय कुमार सिंह पर भरोसा जताया है. मोरवा विधानसभा सीट पर तीसरे चरण में तीन नवंबर को मतदान होंगे जबकि मतगणना 10 नवंबर को होगी.

पिछले 2015 के चुनाव में इस सीट से महागबंधन के तरफ से संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर जदयू के विद्यासागर निषाद चुनाव मैदान में उतरे थे और 59,206 (42.7%) मतों के साथ जीत हासिल की थी. बता दें पिछले चुनाव में महागठबंधन में जदयू को राजद का समर्थन भी प्राप्त था. इस बार समीकरण में भारी उलटफेर है. अकेले लड़ रही भारतीय जनता पार्टी के सुरेश राय को 40,390 यानी 29.2% मतों के साथ संतोष करना पड़ा था. इससे पहले 2010 के चुनावों में भी मोरवा विधानसभा सीट पर जदयू के उम्मीदवार ने बाजी मारी थी.

अगर जातिगत समीकरण की बात करें तो मोरवा में सहनी समाज की आबादी ज्यादा हैंऔर हर चुनाव में अपनी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. साल 2019 की मतदाता सूची के हिसाब से इस सीट पर कुल 255729 मतदाता हैं. मोरवा विधानसभा क्षेत्र की आबादी जनगणना 2011 के मुताबिक 390141 है. जिसमें अनुसूचित जाति 18.97 फीसदी और अनुसूचित जनजाति 0.04 फीसदी है.