/newsnation/media/post_attachments/images/2019/10/27/oath-62.jpg)
मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला ने ली शपथ( Photo Credit : फोटो- ANI)
मनोहर लाल खट्टर रविवार को शपथ लेने के साथ ही दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बन गए हैं. वहीं जेजेपी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. रविवार को आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला भी मौजूद रहे. राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने दोनों को ही दिलाई पद और गोपनीयता की शपथ. बता दें, शपथ लेने के साथ ही मनोहर लाल खट्टर हरियाणा के 11वें मुख्यमंत्री बने हैं.
Chandigarh: Manohar Lal Khattar takes oath as the Chief Minister of Haryana, at the Raj Bhawan. #HaryanaAssemblyPollspic.twitter.com/SBqHELyaAk
— ANI (@ANI) October 27, 2019
Chandigarh: Dushyant Chautala takes oath as the Deputy Chief Minister of Haryana, at the Raj Bhawan. #HaryanaAssemblyPollspic.twitter.com/iXr7oyFauk
— ANI (@ANI) October 27, 2019
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
मनोहर लाल खट्टर का जन्म 1954 में निंदाना गांव में हुआ था. मनोहर लाल खट्टर के दादा भगवानदास खट्टर बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए थे. बंटवारे के बाद भारत आने के बाद उनके दादा और पिता हरबंसलाल खट्टर को शुरुआती दिनों में मजदूरी करनी पड़ी. उसके बाद उन्होंने गांव में एक दुकान खोल ली. इसके बाद उन्होंने पड़ोस के बनियाना गांव आकर जमीन ली और खेती करने लगे मनोहर लाल खट्टर ने अपनी शुरुआती शिक्षा गांव में ही शुरु की.
यह भी पढ़ें: Indian Air Force का कारनामा, दुर्घटनाग्रस्त हैलीकॉप्टर को Mi-17 से बांध 11500 फीट की ऊंचाई से नीचे उतारा
खट्टर जब 10वीं में थे तो सुबह खेत से सब्जी तोड़ने का काम उन्हीं के जिम्मे था. वह रोज सब्जी तोड़ते, उसे साइकिल पर लादकर रोहतक मंडी जाते और फिर गांव लौट कर स्कूल जाते. हाई स्कूल के बाद खट्टर डॉक्टरी करना चाहते थे. लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वह खेती या बिजनेस में से किसी एक चीज को चुनें. लेकिन खट्टर ने पिता की बात नहीं मानी. वह अपने एक रिश्तेदार के पास दिल्ली चले गए. यहां रहते-रहते उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई का मोह छोड़ दिया और दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर ग्रेजुएशन किया. खट्टर ने अपनी आजीविका चलाने के लिए रिश्तेदारों के कपड़े की दकान पर काम सीखा और खुद दुकान खोली. इसी कमाई के जरिए खट्टर ने बहन की शादी की और दो भाइयों को अपने पास बुला लिया.
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में जिला-क्षेत्र पंचायतों के करीब 50 सदस्य लापता, चुनाव आयोग बोला- ढूढो नहीं तो...
1976 में इमरजेंसी के वक्त खट्टर आरएसएस से जुड़ गए और स्वयंसेवक बन गए. अटल बिहारी वाजपेयी से प्रभावित होकर उन्होंने मन बना लिया कि वह शादी नहीं करेंगे. 1980 में वह प्रचारक बन गए.1994 में उन्हें बीजेपी में भेजा गया. 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सीधे करनाल विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिे उतारा. यहां से उन्होंने बड़ी जीत हासिल की और सीएम बने. मनोहर लाल खट्टर आज फिर से सीएम पद की शपथ लेंगे.