महाराष्ट्र में पिछले काफी दिनों से सत्ता को लेकर घमासान जारी है. एक तरफ जहां शिवसेना अपने 50-50 फॉर्मूले पर अड़ी हुई तो वहीं बीजेपी भी अपने स्टैंड पर कायम है. हालांकि इस बीच खबर आ रही है कि अगर दोनों पार्टियों के बीच की ये खींचतान खत्म नहीं होती तो बीजेपी राज्य में सरकार बनाने के लिए वित्त और राजस्व मंत्रालय कुर्बान कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीजेपी इसके लिए तैयार हो गई है. हालांकि इस पर अंतिम फैसला बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही लेंगे.
बताया जा रहा है कि अमित शाह और फडणवीस सोमवार को मुलाकात कर इस बारे में फैसला ले सकते हैं. फडणवीस सोमवार को दिल्ली पहुंचकर अमित शाह से मुलाकात करेंगे और मौजूदा हालात की जानकारी गृह मंत्री को देंगे.
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राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना को दे सकती है ये अहम मंत्रालय
खबरों की मानें को बीजेपी महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के आगए काफी हद तक झुकती नजर आ रही है. ऐसे में वो शिवसेना को कुछ अहम मंत्रालय देने पर विचार कर रही है. इन मंत्रालयों में राजस्व और वित्त या फिर राजस्व और लोक निर्माण विभाग का मंत्रालय या फिर कृषि या ग्रामीण विकास या जल संसाधन मंत्रालय. इसके अलावा बताया ये भी जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में एक कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन हो इसके बाद मंत्रालयों के बंटवारे का फैसला किया जाए. हालांकि सीएम पज की शपथ देवेंद्र फडणवीस ही लेंगे.
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बता दें, एक तरफ जहां फडणवीस आज अमित शाह से मुलाकात करेंगे तो वहीं एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार दिल्ली आकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने वाले हैं. इस बीच शिवसेना ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है.
इस बीच शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं और विधानभवन के कैंपस में स्टेज बनाए जा रहे हैं और शामियाना व कुर्सियां लगाई जा रही हैं. हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि सरकार कौन बनाएगा और मुख्यमंत्री कौन बनेगा. दूसरी ओर, शिवसेना की ओर से बीजेपी के खिलाफ तल्ख बयानबाजी का दौर जारी है. शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) टि्वटर पर बीजेपी के खिलाफ आग उगल रहे हैं, वहीं सामना में बीजेपी को लेकर भी तंज कसे गए हैं.
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बीजेपी अभी बातचीत शुरू करने के लिए शिवसेना की ओर देख रही है. बीजेपी को उम्मीद है कि 4 और 5 नवंबर के बाद शिवसेना फिर से बातचीत शुरू करेगी, क्योंकि तब तक कांग्रेस और एनसीपी का रुख साफ हो चुका होगा. 4 नवंबर यानी सोमवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के बीच मुलाकात होगी. इस मुलाकात में महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की ओर से रुख स्पष्ट होने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद ही सोनिया गांधी और शरद पवार की ओर से शिवसेना को समर्थन देने को लेकर आधिकारिक रुख सामने आएगा.