महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फड़नवीस को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फड़नवीस को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली क्लीनचिट को खारिज कर दिया है. देवेंद्र फड़नवीस पर चुनावी हलफनामे में आपराधिक मुकदमों से जुड़ी जानकारी छिपाने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मुकदमों से जुड़ी जानकारी छुपाने के लिए फड़णवीस को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने फड़णवीस को क्लीनचिट देने वाले बॉम्बे हाई कोर्ट के पिछले साल के आदेश को रद्द करते हुए ट्रायल कोर्ट से कहा कि वो फड़णवीस के खिलाफ दायर शिकायत पर नए सिरे से विचार करे.
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फड़णवीस पर 2014 के चुनावी हलफनामे में नागपुर के दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने का आरोप है. एक मानहानि और दूसरा ठगी का मुकदमा है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अधिवक्ता सतीश उके ने आरोप लगाया था कि 2014 के चुनाव में नामांकन दाखिल करते समय देवेंद्र फड़णवीस ने इन केसों की जानकारी छुपाई थी और झूठा हलफनामा दायर किया था. हालांकि इस मामले को बॉम्बे हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
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हाई कोर्ट से पहले नागपुर के ज्यूडि़शियल मजिस्ट्रेट ने ऐसी ही याचिका को खारिज कर दिया गया था. याचिकाकर्ता उके का आरोप था कि 2009 और 2014 में नागपुर के दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से नामांकन दाखिल करते समय फड़णवीस ने दो आपराधिक केसों की जानकारी छुपाई थी. याचिकाकर्ता का कहना है कि 1996 और 1998 में फड़णवीस के खिलाफ विभिन्न आरोपों में दो मामले दर्ज किए गए थे. उके के अनुसार, देवेंद्र फड़नवीस ने जानकारी छुपाकर जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 की धारा 125-ए का उल्लंघन किया है.
Source : अरविंद सिंह