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कांग्रेस (फाइल फोटो)
आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मैदान में उतरने से पहले अपनी कमर कसना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस कमिटी ने अपने सभी पदाधिकारियों, विधायक और टिकट के दावेदारों के लिए फरमान जारी किया था, जिसे अब वापिस ले लिया गया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभार शेखर ने निर्देश दिया था जिसमें दावेदारों के फेसबुक पेज पर 15000 लाइक, ट्विटर पर 5000 फॉलोअर और बूथ के लोगों के वॉट्सऐप ग्रुप होना अनिवार्य बताया गया था। हाल ही में उपाध्यक्ष की ओर से एक पत्र जारी किया गया जिसमें इस फरमान को निरस्त कर दिया गया है।
Madhya Pradesh Congress Committee (MPCC) has withdrawn its letter to ticket aspirants, in which it was mentioned that 'candidates in upcoming polls must have 15,000 likes on their FB page, 5000 Twitter followers, & WhatsApp group of booth-level workers." pic.twitter.com/bKfE4uCFbt
— ANI (@ANI) September 8, 2018
पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया से सम्बंधित मेरे द्वारा प्रेषिक पत्र को निरस्त किया जाता है।
बता दें कि पत्र में उपरोक्तानुसार कांग्रेस/पदाधिकारियों/ वर्तमान विधायकों और टिकट के दावेदारों को 15 सितम्बर 2018 तक ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सप्प की जानकारी मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया और आईटी डिपार्टमेंट में उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया था। यह निर्देश सोमवार को जारी किया गया था, जिसे अब निरस्त कर दिया गया है।
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बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सोशल मीडिया पर पूरा ज़ोर दे रही है। दोनों पार्टियां सोशल मीडिया के जरिए ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को लुभाना चाहती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवा वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी के 'साइबर वॉरियर्स' और कांग्रेस के 'राजीव के सिपाही' पूरी कोशिश कर रहे हैं।
Source : News Nation Bureau