मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह फैसला आलाकमान करेगा. विधायकों की बैठक में आए केंद्रीय पर्यवेक्षक ए.के. एंटनी ने विधायकों से बातचीत की और उसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए. मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. राज्य में कांग्रेस का 15 सालों से चला आ रहा वनवास खत्म हुआ है. कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी कांग्रेस को शपथग्रहण की तारीख तय करने को कहा है.
कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने जानकारी देते हुए कहा कि विधायक दल का नेता पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी तय करेंगे.
विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद कांग्रेस विधायकों की बैठक प्रदेश पार्टी मुख्यालय में दो घंटे चली. इस बैठक में पार्टी हाईकमान ने ए. के. एंटनी को बतौर पर्यवेक्षक भेजा था. एंटनी ने विधायकों के साथ बैठक की, विधायकों से चर्चा की.
राजनीति के गलियारे में चर्चा है कि ज्यादातर विधायक कमलनाथ के साथ हैं, मगर खुलकर कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. विधायकों की बैठक से पहले एंटनी ने कहा कि वह पार्टी विधायकों की राय लेंगे.
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बैठक में सभी कांग्रेसी विधायकों ने हिस्सा लिया. बैठक लगभग दो घंटे चली. बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री पद के दो दावेदार कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं.
इससे पहले कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ, प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी, सांसद विवेक तन्खा, अरुण यादव का प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा. प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल आनंदी बेन से मुलाकात कर सरकार बनाने के लिए आवश्यक समर्थन होने का पत्र सौंपा.
230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत है. कांग्रेस के खाते में 114 सीटें आई हैं। चार निर्दलीय, बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन का कांग्रेस दावा कर रही है। इस तरह कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन दावा किया है.
Source : IANS