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अखिलेश यादव की ओर से समाजवादी पार्टी के 209 उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित करने से कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन पर आशंका के बादल छा गए हैं। कांग्रेस समाजवादी पार्टी के इस ऐलान से नाराज़ है। हालांकि पार्टी का कहना है कि इस मसले पर पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद अखिलेश यादव से बातचीत करेंगे।
कांग्रेस का कहना है कि गठबंधन के लिये सीटों पर चर्चा के बाद ही उम्मीदवारों की घोषणा होनी थी लेकिन सपा ने पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी का कहना है कि कुछ सीटें ऐसी थीं जिन पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाह रही थी लेकिन वहां भी सपा ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।
पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने को है और दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लेकिन सीटों को लेकर खड़ी हुई समस्या ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच होने वाले गठबंधन पर सवाल खड़ा कर रही हैं।
यूपी कांग्रेस ईकाई के अध्यक्ष राजब्बर ने दिल्ली का दौरा रद्द कर दिया है और शनिवार को उनके और समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ गठबंधन को लेकर दोबारा चर्चा हो सकती है।
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समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने कहा, 'मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन होना चाहिए। उम्मीद है मेरे विचार पर गौर किया जाएगा'
I personally feel that there should be an alliance between SP-Congress and I am positive that my view will be considered:Naresh Agarwal,SP pic.twitter.com/GnbaALXWOk
— ANI UP (@ANINewsUP) January 21, 2017
उत्तर प्रदेश में गठबंधन को लेकर खड़े हुए सवाल पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा, 'बातचीत जारी है, गुलाम नबी आजाद जी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से फिर से बात करेंगे।'
इसी बीच, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है, साथ ही पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने अलग से बैठक की।
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गठबंधन से पहले ही सीटों का ऐलान कर रही है। सपा ने शुक्रवार को 18 नये उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 191 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। गठबंधन से पहले उम्मीदवारों की घोषणा कांग्रेस पर कम सीट लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
पहले राज्य में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आरएलडी को मिलाकर महागठबंधन बनाने पर चर्चा चल रही थी। लेकिन आरएलडी के साथ सीटों पर सहमति न बन पाने के बाद आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है और कहा है कि वह सभी 403 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। एसपी आरएलडी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 20-23 सीटों देने के लिये तैयार थी लेकिन आरएलडी 35 से ज्यादा सीटों की मांग की थी।
गठबंधन पर एसपी ने क्या कहा
समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमॉय नंदा ने कहा, 'कांग्रेस से अभी तक बातचीत फाइनल नहीं नहीं हुई है। हम उन्हें 84-85 सीट देना चाहते हैं।'
अखिलेश यादव के करीबी और एसपी सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा, 'मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस से गठबंधन के मसले पर विचार कर रहे हैं। वह अंतिम फैसला लेंगे। शाम तक सबकुछ साफ हो जाएगा।'
एसपी नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भईया ने कहा, 'अखिलेश यादव कांग्रेस से गठबंधन पर अंतिम फैसला लेंगे। लेकिन मैं समझता हूं कि हमारा काम काफी है पूर्ण बहुमत के लिए।'
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, 'अनुकंपा हो सकती है लेकिन हमारी आवश्यकता नहीं है।'
गठबंधन में कहां फंस रहा है पेंच
दरअसल कांग्रेस समाजवादी पार्टी से 100 सीटों की मांग कर रही है। वहीं एसपी 80 से 85 से ज्यादा सीट कांग्रेस को नहीं देना चाहती है। साथ ही एसपी ने उन 7 सीटों पर भी उम्मीदवारों की घोषणा की है जहां कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं।
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एसपी ने गौतमबुद्ध नगर की तीन सीट नोएडा, दादरी और जेवर पर एसपी ने अपने उम्मीदवार घोषित किये हैं, जबकि कांग्रेस यहां से कम से कम एक सीट पाने की उम्मीद कर रही थी। वहीं, अखिलेश खेमे के नेता किरणमय नंदा ने कहा है कि अमेठी सीट के अलावा लखनऊ कैंट सीट भी एसपी अपने पास ही रखेगी।
अमेठी कांग्रेस का गढ़ माना जाता है लखनऊ कैंट सीट पर मुलायम सिंह की पुत्रवधु अपर्णा यादव की दावेदारी के चलते कांग्रेस इसे छोड़ने पर राजी है। इसके बदले वह लखनऊ उत्तर व मध्य सीट चाहती है जबकि एसपी उसके लिए लखनऊ (पूर्व) विधानसभा छोड़ना चाहती है। एसपी यह सीट अब तक जीत नहीं पाई है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस-एसपी गठबंधन में आधा दर्जन सीटों पर पेंच है। एसपी अपने मंत्री गायत्री प्रजापति के लिए अमेठी सीट चाहती है। बदले में गौरीगंज सीट छोड़ने को तैयार है।
रायबरेली सोनिया गांधी और अमेठी से राहुल गांधी सांसद हैं और ये दोनों संसदीय क्षेत्र कांग्रेस की परंपरागत सीटें रही हैं। कांग्रेस दोनों संसदीय क्षेत्र की िवधानसभा सीटों की मांग कर रही थी। हालांकि यहां की 10 में से 8 विधानसभा सीटें समाजवादी पार्टी के पास हैं।
HIGHLIGHTS
- समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों पर नहीं बनी पाई है सहमति
- गठबंधन से पहले एसपी के उम्मीदवारों की घोषणा से कांग्रेस नाराज़
- गठबंधन पर दोबारा होगी बातचीत
Source : News Nation Bureau