हरियाणा चुनावः बाबा जेल में पर राम रहीम के डेरे पर अब भी माथा टेक रहे नेता

दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म और एक पत्रकार की हत्या के मामले में जेल में बंद चल रहे बाबा राम रहीम के डेरे पर अब भी नेता माथा टेक रहे हैं.

author-image
Deepak Pandey
New Update
Ram Rahim

राम रहीम( Photo Credit : (फाइल फोटो))

दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म और एक पत्रकार की हत्या के मामले में जेल में बंद चल रहे बाबा राम रहीम के डेरे पर अब भी नेता माथा टेक रहे हैं. अंतर बस इतना है कि इमेज खराब होने की डर से इस बार पार्टियों के शीर्ष स्तर के नेता तो डेरे में सार्वजनिक हाजिरी लगाने से बच रहे हैं, मगर हरियाणा में डेरे के प्रभाव वाली सिरसा व आसपास की सीटों से विभिन्न दलों के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नेता माथा टेकने से नहीं चूक रहे. गुरमीत राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय सिरसा में है.

Advertisment

सिरसा लोकसभा और विधानसभा सीट दोनों है. यहां से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ रहे प्रदीप रतूसरिया से लेकर हरियाणा जनहित पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे गोपाल कांडा तक डेरे पर माथा टेक कर समर्थन मांग चुके हैं. गोपाल कांडा, इससे पूर्व एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या केस की वजह से सुर्खियों में रह चुके हैं. 2009 के विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा यहां से चुनाव जीत चुके हैं. 2014 में उन्हें महज 2900 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. इस बार 2019 के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए वह डेरा सच्चा सौदा का आशीर्वाद लेकर 2014 की कसर पूरी करने की कोशिश में हैं.

सिरसा विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास की बात करें तो यहां सिर्फ एक बार 1996 में भाजपा जीती थी. अब तक हुए 12 चुनावों में पांच बार कांग्रेस को जीत मिली है. 2014 में इनेलो के टिकट पर माखनलाल सिंगला जीते थे, बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए. डेरा सच्चा सौदा की एक राजनीतिक इकाई है, जो चुनावों के ऐन मौकों पर पार्टियों या उम्मीदवार विशेष के पक्ष में वोट डालने की समर्थकों से अपील करती है. डेरा सच्चा सौदे के पदाधिकारियों का दावा है कि हरियाणा और पंजाब में करीब 50 लाख समर्थक डेरा प्रमुख राम रहीम की एक अपील पर वोट डालते हैं.

2014 के लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई बड़े नेताओं के डेरे में हाजिरी लगाने के कारण गुरमीत राम रहीम ने पार्टी को खुला समर्थन दिया था. जीत के बाद मनोहर लाल खट्टर सरकार में मंत्री बने कई नेता बाद में डेरे में गुरमीत राम रहीम से आभार जताने पहुंचे थे. नेताओं की हाजिरी तब चर्चा में थी. स्थितियां 2017 में बदलीं, जब 28 अगस्त को सीबीआई कोर्ट ने दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में गुरमीत सिंह को दोनों मामलों में 10-10 साल कैद की सजा सुनाई. फिर बाद में पत्रकार राम चंद छत्रपति की हत्या के मामले में भी गुरमीत को सजा हुई.

गुरमीत के जेल में जाने के बाद से डेरे में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आने के साथ बड़े नेताओं ने भी किनारा कर लिया. अब चुनाव के वक्त फिर नेताओं की आवाजाही शुरू हुई है. खास बात है कि गुरमीत के जेल में रहने की वजह से अब तक डेरे ने किसी के पक्ष में वोट करने की अपील नहीं की है, जबकि मतदान होने में एक दिन ही (21 अक्टूबर) शेष रह गया है. इससे पूर्व के चुनावों में डेरा की राजनीतिक शाखा किसी प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में अपील करती रही है.

Source : आईएएनएस

Ram Rahim BJP Leader Dera Sacha Souda haryana assembly elections Congress Leader
      
Advertisment