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Bihar Assembly Election 2020: जानें लौकहा विधानसभा सीट के बारे में

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन उससे पहले हम लौकहा विधानसभा सीट के बारे में

Updated on: 06 Nov 2020, 03:45 PM

लौकहा:

बिहार विधान सभा चुनाव का विगुल बज चुका है. चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों का ऐलान कर दिया है. सियासी पार्टियों ने अपने-अपने समीकरण सेट करने में चुनावी रणनीति बनाना शुरु कर दिया हैं. इस बार बिहार में 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर और सात नवंबर को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. इस बार दस नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.

विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन उससे पहले हम लौकहा विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.

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लौकहा विधानसभा सीट के बारे में-

बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक लौकहा विधानसभा का सीट क्रमांक 40 है. यह विधानसभा मधुबनी जिले और झंझारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. इस विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल के दिग्गज नेता और आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय विधायक हैं. यह सीट एनडीए गठबंधन के लिए बेहद अहम है. मधुबनी जिले में कुल 10 विधानसभाएं आती हैं. विधानसभाओं के नाम हैं हरलाखी, बेनीपट्टी, खजौली, बाबूबरही, बिस्फी, मधुबनी, राजनगर, झंझारपुर, फुलपरास और लौकहा.

साल 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल युनाइटेड के लक्ष्मेश्वर राय ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार प्रमोद कुमार प्रियदर्शी को चुनावी समर में मात दी थी. 79,971 वोट जेडीयू को पड़े थे, वहीं बीजेपी को 56,138 मत हासिल हुए थे. जीत का अंतर 23,833 था. इस चुनाव में कुल 59 फीसदी लोगों ने वोट किया था. 14 लोग चुनावी महासमर में उतरे थे, जिनमें से 3 महिलाएं थीं. 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

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2015 में जेडीयू भी महागठबंधन का हिस्सा थी, हालांकि महागठबंधन टूट गया और नीतीश कुमार वापस अपने साथी एनडीए की ओर लौट गए. जाहिर तौर पर समीकरण अब उनके पक्ष में और मजबूत होंगे.

इस सीट पर 2005 से ही जनता दल यूनाइटेड का कब्जा बरकरार है. 2005 में हरि प्रसाद साह, फिर 2010 में भी हरि प्रसाद साह विजयी हुए. उन्होंने आरेजडी के चितरंजन प्रसाद यादव को मात दी थी.

लौकहा विधानसभा सीट पर पहली बार वोटिंग 1951 में हुई. 1951 से 57 तक यह सीट कांग्रेस के खाते में रही. फिर पीएसपी को 1962 में जीत मिली. 1967 में कांग्रेस की एक बार फिर वापसी हुई. अगले चुनाव में सीपीआई ने कब्जा जमाया. 90 के दशक में सीपीआई का दबदबा रहा और 1990 और 1995 में लगातार सीपीआई के लाल बिहारी यादव चुनाव जीतते रहे. अब तक 16 बार इस सीट पर चुनाव हो चुके हैं.

मतदाताओं की संख्या-

  • कुल मतदाता- 2,85,441 
  • पुरुष- 1,47,732 
  • महिलाएं- 1,73,705