logo-image

जानें कौन हैं महारानी दीया कुमारी, जिन्हें मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

राजस्थान की राजनीति और राज शाही दोनों में ही दीया कुमारी का नाम काफी अहम है. इन दिनों बीजेपी की ओर से राजस्थान में दीया कुमारी का नाम उभरते हुए देखा जा रहा है. संभवता, आने वाले दिनों में उन्हें पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मदारी मिलने के आसार है. 

Updated on: 02 Dec 2023, 08:48 PM

नई दिल्ली:

महारानी दीया कुमारी एक इंडियन पॉलिटिशियन हैं. वह राजस्थान के राजसमंद लोकसभा सीट से BJP की सांसद हैं. दीया कुमारी जयपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती भी हैं. दीया कुमारी का जन्म 30 जनवरी 1971 को जयपुर में हुआ था. वह भारतीय सेना अधिकारी और होटल व्यवसायी भवानी सिंह और पद्मिनी देवी की बेटी है. इन दिनों बीजेपी की ओर से राजस्थान में दीया कुमारी का नाम उभरते हुए देखा जा रहा है. संभवता, आने वाले दिनों में उन्हें पार्टी की ओर से बड़ी जिम्मदारी मिलने के आसार है. 

जब पढ़ाई के लिए जयपुर से लंदन गई महारानी

एक शाही परिवार में जन्मी दीया कुमारी ने मॉडर्न स्कूल नई दिल्ली, जी.डी. सोमानी मेमोरियल स्कूल मुंबई और महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल जयपुर से पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उन्होंने पार्सन्स आर्ट एंड डिज़ाइन स्कूल लंदन से फाइन आर्ट्स डेकोरेटिव पेंटिंग में डिप्लोमा किया. जिसके लिए वह इंग्लैंड गई थीं. 6 अगस्त, 1997 को दीया कुमारी ने एक आम आदमी नरेंद्र सिंह राजावत से शादी की, जो पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट थे.

कुमारी के बड़े बेटे पद्मनाभन सिंह उत्तराधिकारी बने

नरेंद्र सिंह से दीया कुमारी के तीन बच्चे हैं. अफसोस की बात है कि दीया कुमारी की शादीशुदा जिंदगी ठीक नहीं रही और दिसंबर 2018 में उनका नरेंद्र सिंह राजावत से तलाक हो गया. दीया कुमारी के सबसे बड़े बेटे पद्मनाभन सिंह हैं, जिनका जन्म 12 जुलाई 1998 को हुआ था. 22 नवंबर 2002 को तत्कालीन शाही परिवार के मुखिया भवानी सिंह ने उन्हें अपने उत्तराधिकारी के रूप में गोद लिया था. जिन्होंने 27 अप्रैल 2011 को जयपुर के 'महाराजा' का पद संभाला था. वहीं उनके दूसरे बेटे लक्ष्यराज सिंह हैं.

नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह के सामने पार्टी में शामिल हुईं

कुमारी 10 सितंबर 2013 को जयपुर में एक रैली के दौरान तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने और दो लाख लोगों की भीड़ के बीच भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं. उन्होंने 2013 के राजस्थान विधान सभा चुनाव में सवाई माधोपुर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. 

महारानी के चुनाव नहीं लड़ने से हार गई बीजेपी

दीया कुमारी का दबदबा ऐसा रहा है कि साल 2018 का चुनाव नहीं लड़ी तो बीजेपी यह चुनाव हार गई. वहीं साल 2019 में दीया कुमारी राजसमंद से लोकसभा के लिए सांसद चुनी गईं. उन्हें 8.58 लाख वोट मिले और उनकी जीत का अंतर 5.51 लाख वोटों को 2019 में जीत के सबसे ऊपर 20 सबसे बड़े अंतरों में से एक माना जाता है. उन्हें राजस्थान सरकार के सेव द गर्ल चाइल्ड के ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया था. वह वर्तमान में 2023 के राजस्थान चुनावों में पांच बार के विधायक नरपत सिंह राजवी के बजाय विद्याधर नगर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक उम्मीदवार हैं.