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Kerala Election: 73 साल के CPI नेता ई. चंद्रशेखरन के राजनीतिक सफर पर एक नजर

ई. चंद्रशेखरन (E Chandrasekaran) के लिए जनता की कसौटी पर खुद को साबित करने की सबसे बड़ी चुनौती है. चुनाव के दरम्यान केरल में वरिष्ठ CPI नेताओं के असंतोष और अंदरूनी उठापटक की बातें ई. चंद्रशेखरन की इस चुनौती को कहीं ज्यादा बढ़ाती दिख रही हैं.

Updated on: 20 Mar 2021, 01:31 PM

highlights

  • 26 दिसंबर 1948 को केरल के पेरुंबला में हुआ था जन्म
  • साल 1970 में CPI को ज्वाइन कर लिया था
  • केरल सरकार में राजस्व मंत्री हैं ई. चंद्रशेखरन

नई दिल्ली:

केरल में वामपंथी गठबंधन के पास मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का आजमाया हुआ नेतृत्व है, मगर कांग्रेस में एके एंटनी और ओमन चांडी जैसे दिग्गज इस बार सत्ता छीनने की पूरी कोशिश में लगे हैं, वहीं बीजेपी भी CPI की मुसीबत बढ़ा सकती है. ऐसे में मंत्री ई. चंद्रशेखरन (E. Chandrasekharan) के लिए जनता की कसौटी पर खुद को साबित करने की सबसे बड़ी चुनौती है. चुनाव के दरम्यान केरल में वरिष्ठ CPI नेताओं के असंतोष और अंदरूनी उठापटक की बातें ई. चंद्रशेखरन (E. Chandrasekharan) की इस चुनौती को कहीं ज्यादा बढ़ाती दिख रही हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें फिर से एक बार कान्हंगद सीट से टिकट दिया. 73 साल के ई. चंद्रशेखरन को जनता इस बार विधानसभा भेजती है या नहीं ये आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन उससे पहले हम आपको उनके अब तक के सफर को बताने जा रहे हैं

राजनीतिक करियर 

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26 दिसंबर 1948 को केरल के पेरुंबला में जन्में CPI नेता ई चंद्रशेखरन ने 70के दशक में राजनीति में कदम रखा था. साल 1970 में ई. चंद्रशेखरन को AIYF कासरगोड तालुक सचिव बनाया गया था. साल 1975 में AIYF कन्नूर (अविभाजित) जिला सचिव बने. 1976 में CPI के राज्य परिषद के सदस्य नियुक्त किए गए. साल 1979 में AIYF का राज्य संयुक्त सचिव नियुक्त किया गया. CPI कासरगोड तालुक समिति के सदस्य के तौर पर संगठन को मजबूत करने का काम किया.

साल 1987-91 तक केरल राज्य ग्रामीण विकास बोर्ड के सदस्य की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. इसके अलावा केरल एग्रो मशीनरी कॉर्पोरेशन और राज्य भूमि सुधार समीक्षा समिति सहित तमाम समितियों के सदस्य रह चुके हैं. साल 2011 में वे कान्हंगद सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे और संसदीय दल के उप नेता चुने गए. 2016 में चुनाव जीतने के बाद उन्हें सरकार में शामिल किया गया. मौजूदा समय ई चंद्रशेखरन केरल राजस्व मंत्री के पद पर कार्य कर रहे हैं. 

ओपिनियन पोल में वापसी के संकेत

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चुनाव से पहले आए तमाम ओपिनियन पोल्स में केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को राज्य की 140 सीटों में से 75 से 83 सीटें मिलती हुई नजर आ रही है. वहीं, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 56 से 64 सीटों पर जीत मिल सकती है. ओपिनियन पोल्स में बताया गया है कि केरल विधानसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रह सकता है और उसके खाते में महज 0-2 सीटें ही जाती हुई नजर आ रही हैं.

पोल्स में 40.5 फीसदी लोग केरल की पिनारई विजयन सरकार के खिलाफ हैं और राज्य में बदलाव चाहते हैं. वहीं सर्वे में शामिल 31.9 फीसदी लोगों ने कहा कि राज्य में एलडीएफ की सरकार अच्छा काम कर रही है. सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में उनके लिए सबसे बड़ा मुद्दा क्या है? इस पर सर्वे में हिस्सा लेने वाले 41.8 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. वहीं, 10.4 फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार और 4.8 फीसदी लोगों ने राज्य की कानून-व्यवस्था को सबसे बड़ा मुद्दा बताया.