logo-image

Kerala Election: कौन हैं पीसी थॉमस, जिन्होंने बीजेपी को दिया झटका

केरल विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Elections) से ठीक पहले BJP और कांग्रेस को उनके दो बड़े नेताओं ने झटका दे दिया है. बीजेपी को जहां पीसी थॉमस ने झटका दिया, वहीं कांग्रेस पार्टी को पीसी चाको ने.

Updated on: 20 Mar 2021, 02:47 PM

highlights

  • बाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री रह चुके हैं पीसी थॉमस
  • 1989 से 2009 तक 6 बार सांसद चुने गए
  • 2016 में बीजेपी को सिर्फ एक सीट मिली थी

नई दिल्ली:

केरल में विधानसभा चुनाव होना है. वाम गठबंधन सत्ता में है. वाम दल फिर से सत्ता में लौटेगा या कांग्रेस को मौका मिलेगा, इसे लेकर पूरे देश की नजर केरल पर बनी हुई है. कांग्रेस के लिए यह प्रतिष्ठा का विषय है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी यहीं से सांसद हैं. राज्य में बीजेपी बहुत बड़ी भूमिका निभाने की स्थिति में नहीं है, लेकिन पार्टी की रणनीति कांग्रेस को पीछे कर खुद को विपक्ष के तौर पर खड़ा करने की है. हालांकि बीजेपी को उस वक्त तगड़ा झटका लगा जब पीसी थॉमस ने NDA से रिश्ता तोड़ दिया.

केरल विधानसभा चुनाव (Kerala Assembly Elections) से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस पार्टी (Congress Party) को उनके दो बड़े नेताओं ने झटका दे दिया है. बीजेपी को जहां पीसी थॉमस (P. C. Thomas) ने झटका दिया, वहीं कांग्रेस पार्टी को पीसी चाको (PC Chacko) ने. इन दोनों नेताओं के दल बदल ने केरल में सियासी गर्मी बढ़ा दी है. राजनीतिक पंडित अब इनके दल बदल के फायदे और नुकसान देख रहे हैं, वहीं राजनीतिक पार्टियां भी चुनाव से ठीक पहले पार्टी छोड़ने वाले इन नेताओं से परेशान है. 

बाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके

ये भी पढ़ें- Kerala Election: 73 साल के CPI नेता ई. चंद्रशेखरन के राजनीतिक सफर पर एक नजर

केरल कांग्रेस पीसी थॉमस गुट के प्रमुख पीसी थॉमस ने इसलिए NDA का साथ छोड़ दिया, क्योंकि बीजेपी उन्हें कम सीटें दे रही थी. वे इस बात से नाराज थे कि भारतीय जनता पार्टी ने इस विधानसभा चुनाव में उनके लोगों को एक भी सीट पर टिकट नहीं दिया है. पीसी थॉमस का कहना है कि इससे पहले के विधानसभा चुनाव में उनके गुट ने 4 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में उन्हें एक भी सीट नहीं दी गई है.

पीसी थॉमस अब केरल कांग्रेस में अपने गुट का विलय कर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला कर रहे हैं. पीसी थॉमस भारतीय जनता पार्टी से काफी लंबे समय से जुड़े थे, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पीसी थॉमस कानून और न्याय राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. पीसी थॉमस केरल के दिग्गज नेता हैं उन्होंने केरल के मुवत्तुपुझा लोकसभा सीट से 1989 से 2009 तक 6 बार सांसद का चुनाव जीता है. हालांकि पिछले 5 चुनावों से पीसी थॉमस कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूडीएफ से जुड़े हुए थे और उसके सहयोगी केरल कांग्रेस (मणि) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे थे.

कम सीटें मिलने पर NDA छोड़ा

NDA छोड़ने के बाद पीसी थॉमस ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) छोड़ने का उनका फैसला इसलिए था क्योंकि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उनके द्वारा मेरी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई. पीसी थॉमस के बताया कि गठबंधन केवर पाला सीट हमें देना चाहता था, वो भी इस शर्त पर की उससे मैं खुद चुनाव लड़ूं. 

ये भी पढ़ें- Kerala Election: कांग्रेस ने रमेश चेन्नीथला को हरिपद से दिया टिकट, देखें प्रोफाइल

थॉमस ने मीडिया को बताया कि 'हम काफी सालों से एनडीए के साथ एक साझेदार के रूप में काम कर रहे थे. मुझे 2004 के संसदीय चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार के रूप में लड़ने का अवसर मिला, जहां हम दोनों मोर्चों के खिलाफ जीत हासिल करने में कामयाब थे. यह एक बड़ी जीत थी. इसके बाद से हम एनडीए के साथ हैं.' उन्होंने कहा कि अब, चुनाव आ गए हैं, एनडीए ने हमारे लिए सीटों से इनकार कर दिया है. हमें एक भी सीट नहीं दी गई. 

पिछले चुनाव की स्थिति

2016 के चुनाव में सीपीएम ने 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. 58 में उन्हें जीत मिली थी. सीपीआई को 27 में से 19 सीटों पर जीत हासिल हुई. जेडीएस को 5 में से 3 सीटों पर जीत मिली. एनसीपी को चार में से दो सीटें मिलीं. केरल कांग्रेस बी, कांग्रेस सेक्युलर, आरएसपी लेनिनिस्ट, नेशनल सेक्युलर कॉन्फ्रेंस, सीएमपी को एक-एक सीट मिली. आईएनएल और जनाधिपत्य केरल कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.

कांग्रेस 87 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. उसे 22 सीटें मिली थीं. मुस्लिम लीग को 24 में से 18 सीटें मिलीं. केरल कांग्रेस मणि गुट को 15 में से छह सीटें मिलीं. केरल कांग्रेस जैकब गुट को एक सीट मिली. जनता दल यूनाइडेट और आरएसपी को एक भी सीट नहीं मिली. बीजेपी ने 98 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे. लेकिन जीत एक सीट पर ही मिली.