केरल में बजा चुनावी बिगुल, एक चरण में होगा चुनाव; 6 अप्रैल को होगी वोटिंग
केरल समेत 4 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Kerala Assembly elections 2021) की तारीखों की घोषणा हो गई है. त्योहारों और बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावों की तारीखों का ऐलान किया है.
नई दिल्ली:
केरल समेत 4 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों (Kerala Assembly elections 2021) की तारीखों की घोषणा हो गई है. त्योहारों और बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखकर चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावों की तारीखों का ऐलान किया है. केरल में चुनाव कराने के लिए दीपक मिश्रा पर्यवक्षक बनाया गया है. केरल में वोटिंग के लिए 40 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं. सभी राज्यों में चुनाव आचार संहिता लागू हो गया है. इस दौरान चुनाव आयोग के चीफ सुनील अरोड़ा ने मेडिकल स्टाफ समेत सभी कोरोना वॉरियर्स को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखकर इस साल 5 राज्यों में चुनाव होगा. पोलिंग बूथ पर मास्क और सेनिटाइजर का इंतजाम रहेगा. त्योहार और परीक्षा के दिन वोटिंग की तारीख नहीं रखी गई है. चुनाव खर्च 10 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है.
केरल के 141 सीटों पर चुनाव होंगे. इस राज्य में एक चरण में वोटिंग होगी. चुनाव आयोग के अनुसार, केरल की सभी विधानसभा सीटों पर 06 अप्रैल को वोटिंग होगी. 2 मई को चुनाव के नजीते आएंगे. इसके अलावा ही पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा की गई है. 2 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल का कई बार दौरा कर चुके हैं.
आपको बता दें कि असम, केरल और पश्चिम बंगाल में विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल मई और जून में खत्म हो जाएगा है, इसलिए इन राज्यों में इससे पहले विधानसभा चुनाव हो रहा है. केरल की 141 सीटें में से 140 निर्वाचित और 1 सीट नामित होती है. वर्तमान में इस राज्य में पिनराई विजयन के नेतृत्व में लेफ्ट की सरकार है. केरल में जहां सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के पास 91 विधायक हैं तो वहीं यूनाइडेट डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) के पास 43, एनडीए (NDA) के पास एक और केरल जनपक्षम सेक्युलर (केजेएस) के पास एक सीट है. इसके अलावा ही 4 सीटें रिक्त हैं. केरल में 30 प्रतिशत मुस्लिम हैं तो 20 प्रतिशत ईसाई हैं. दोनों धर्मों के 50 प्रतिशत वोट बैंक मिलकर राज्य की सियासत का रुख तय करते हैं.
केरल में विधानसभा चुनाव से पहले 'मेट्रो मैन' ई श्रीधरन हुए बीजेपी में शामिल
ई. श्रीधरन को 'मेट्रोमैन' के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने न केवल केरल में, बल्कि अपने काम के लिए देशभर में लोकप्रियता पाई और उन्होंने राजनीतिक लाइनों से परे सम्मान हासिल किया. अब 'मेट्रोमैन' श्रीधरन सियासी पारी खेलने के लिए मैदान में उतर गए हैं. उन्होंने औपचारिक रूप से बीजेपी का दामन थाम लिया है. केरल बीजेपी प्रमुख के. सुरेन्द्रन ने श्रीधरन का माला पहनाकर स्वागत किया.
केरल बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने ट्वीट किया किया था कि पदम् विभूषण श्री ई श्रीधरन ने केंद्रीय मंत्री आरके सिंह की उपस्थिति में ऐतिहासिक 'केरल विजय यात्रा' के दौरान आधिकारिक तौर पर बीजेपी ज्वॉइन कर ली है. मेट्रोमैन जैसे लोग मजबूती से इस बात पर भरोसा करते हैं कि केवल बीजेपी ही हमारे राज्य में विकास ला सकती है.
आपको बता दें कि केरल विधानसभा चुनाव से पहले सीपीएम को बड़ा झटका लगा है. भाजपा जिला समिति ने पिछले दिनों दावा किया है कि कोवलम में दो सीपीएम शाखा समितियों का बीजेपी में विलय हो गया है. भाजपा जिला समिति के मुताबिक, सीपीएम क्षेत्र समिति के सदस्य और विझिनजाम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष, मुक्कोला प्रभाकरन के नेतृत्व में करीब 100 सीपीएम कार्यकर्ता केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी और वी मुरलीधरन की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हुए.
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