पिछले हफ्ते जारी मध्य प्रदेश कांग्रेस के वचनपत्र में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर जबर्दस्त हमला बोला गया था. वचनपत्र के प्वाइंट नंबर 47.62 में कहा गया है कि शासकीय परिसरों में RSS की शाखाएं लगाने पर प्रतिबंध लगाएंगे और शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों को शाखाओं में छूट संबंधी आदेश निरस्त करेंगे. वचनपत्र जारी होने के बाद बीजेपी ने इस पर जबर्दस्त प्रतिक्रिया दी थी और कांग्रेस पर तमाम आरोप लगाए थे. अब दांव उल्टा पड़ता देख एक हफ़्ते बाद कांग्रेस वचनपत्र से पीछे हटती दिख रही है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पार्टी नेताओं को RSS के खिलाफ कम बोलने की नसीहत दी है.
कमलनाथ ने पार्टी नेताओं से कहा है कि संघ और राष्ट्रीय मुद्दों पर कुछ भी बोलने से बचें. धार्मिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेसी नेता टिप्पणी ना करें. साथ ही उन्होंने कोर्ट में लंबित मुद्दों पर भी टिप्पणी न करने की अपील की है. उनका यह भी कहना है कि बिना प्रमाण के किसी पर आरोप न लगाएं. कमलनाथ ने लिखा है कि कांग्रेस भारतीय संविधान, सर्वोच्च न्यायालय और चुनाव आयोग निर्देशों का पालन करती है और मुझे आशा है कि कांग्रेस कार्यकर्ता इन निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे.
कमलनाथ ने पार्टी नेताओं को ये निर्देश दिए हैं :
- कोई भी कांग्रेस नेता धर्म और जाति से संबंधित किसी तरह की बातचीत/भाषण या मीडिया में चर्चा नहीं करेगा.
- हमारी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बीजेपी से हमें सतर्क रहना है, क्योंकि चुनाव नजदीक आने के साथ ही अपनी हार सुनिश्चित देखकर तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. हमें इससे बचना है.
- कांग्रेस जन किसी भी प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेताओं पर अनर्गल या बिना किसी प्रमाण के आरोप न लगाएं या असंसदीय टिप्पणी न करें.
- भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के हथकंडे को अपना सकती है. हमारे सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर समाज को बांटने वाली ताकतों के खिलाफ जागरूक करना होगा.
- यदि आप किसी तरह के संविधान विरोधी हथकंडे, दूसरे दलों द्वारा चुनाव में उपयोग करते देखें तो तुरंत चुनाव अधिकारी के संज्ञान में लाएं. कांग्रेस जन ऐसी कोई गतिविधि को अंजाम न दें, जिससे आम लोगों को असुविधा हो.
Source : News Nation Bureau