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Bihar Election 2020: जानें जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के बारें में, इस सीट पर JDU का रहा हैं कब्जा

जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के एक बड़ी आबादी की समस्या साल दर साल बाढ़ से होने वाली तबाही है. परमान और बकरा नदी के बीच स्थित प्रखंड के दक्षिणी भाग की दर्जन भर पंचायत के लोग बाढ़ को लेकर परेशान रहते हैं.

Updated on: 06 Nov 2020, 03:08 PM

जोकीहाट:

साल 2020 बिहार की जनता और यहां के नेताओं के लिए अहम साल हैं. इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) होने है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टीयों ने पूरी तरह कमर कस ली हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन इससे पहले हम जोकिहाट विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.

मतदाताओं की संख्या-

  • कुल मतदाता- 28682
  • महिला मतदाता- 135107
  • पुरुष मतदाता- 151710

अब तक चुने गए विधायक-

1995- मो. तस्लीमुद्दीन- समाजवादी पार्टी (SP)
2000- सरफराज आलम- राजद (RJD)
2005- मंजर आलम- जदयू (JDU)
2005- मंजर आलम- जदयू
2010- सरफराज आलम- जदयू
2015- सरफराज आलम- जदयू

जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के बारे में-

जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र का गठन 1967 में हुआ और नजमुद्दीन पहले विधायक बने. इसके बाद 1969 के चुनाव में पहली बार तस्लीमुद्दीन परिवार का जो दबदबा बना, वह कमो.बेस आज तक कायम है. इस दौरान 14 चुनाव हुए, जिनमें केवल चार बार तस्लीमुद्दीन विरोधी खेमे की जीत हुई. बाकी सारे चुनाव में या तो तस्लीमुद्दीन या उनके बेटों ने ही जीत का परचम लहराया. यहां तक कि पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री व तत्कालीन सांसद तस्लीमुद्दीन के 2017 में निधन के बाद लोकसभा उपचुनाव में जहां उनके बेटे सरफराज आलम सांसद चुने गए तो विधानसभा उपचुनाव में उनके छोटे पुत्र मो.. शाहनवाज ने आरजेडी के टिकट पर जीत दर्ज की.

वर्ष 1969 में हुए चुनाव के बाद से लेकर पिछले उपचुनाव तक के परिणाम बताते हैं कि विरोधियों की तमाम कोशिशों और एकजुटता के बावजूद तस्लीमुद्दीन परिवार के मजबूत किले को एक दो बार ही भेदने में सफलता मिली है. 1980 और 1990 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मो.ईदुर रहमान ने जीत दर्ज की थी, जबकि वर्ष 2005 में दो बार हुए चुनाव में जदयू के मंजर आलम ने तस्लीमुद्दीन के पुत्र सरफराज आलम को शिकस्त देने में सफलता पाई थी. मगर सरफराज आलम ने 2010 के चुनाव में मंजर आलम को पराजित कर इस सीट पर कब्जा जमा लिया था.

इस क्षेत्र की समस्या-

जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के एक बड़ी आबादी की समस्या साल दर साल बाढ़ से होने वाली तबाही है. परमान और बकरा नदी के बीच स्थित प्रखंड के दक्षिणी भाग की दर्जन भर पंचायत के लोग बाढ़ को लेकर परेशान रहते हैं. हाल के दिनों में उदा में बने स्क्रपाइल पुल के अचानक ध्वस्त हो जाने से प्रखंड दो हिस्सों में बंट गया.