Jharkhand Poll: चुनाव में आरजेडी को खल रही लालू प्रसाद यादव की कमी

Jharkhand Poll: बिहार में सियासत की एक धुरी माने जाने वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का ग्राफ पड़ोसी राज्य झारखंड में गिरता रहा है.

Jharkhand Poll: बिहार में सियासत की एक धुरी माने जाने वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का ग्राफ पड़ोसी राज्य झारखंड में गिरता रहा है.

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Dalchand Kumar
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Lalu Prasad Yadav

लालू प्रसाद यादव( Photo Credit : फाइल फोटो)

Jharkhand Poll: बिहार में सियासत की एक धुरी माने जाने वाली राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का ग्राफ पड़ोसी राज्य झारखंड में गिरता रहा है. झारखंड के नेताओं को इस विधानसभा चुनाव में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में खोई हुई जमीन लौटाने की चुनौती है. हालांकि इस चुनाव में राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद की कमी भी यहां के नेताओं को खल रही है. बिहार से अलग झारखंड के बनने के बाद राजद की पहचान मजबूत पार्टी के तौर होती थी, लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया, वैसे-वैसे राजद की जमीन सिमटती चली गई.

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इस विधानसभा चुनाव में राजद एक बार फिर पूरी ताकत के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी है. झारखंड राज्य गठन के पहले राजद झारखंड के कई क्षेत्रों में काफी मजबूत था, लेकिन झारखंड गठन के बाद से ही राजद का कुनबा ध्वस्त होता चला गया. पिछले विधानसभा चुनाव में राजद का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका. राजद इस बार गठबंधन के साथ सात सीटों पर चुनाव मैदान में है. पार्टी ने हुसैनाबाद, चतरा, छतरपुर, कोडरमा, बरकठ्ठा, देवघर और गोड्डा से अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है.

वर्ष 1995 में झारखंड (उस समय बिहार राज्य का हिस्सा था) में 14 सीटें तक जीती थी, मगर झारखंड बनने के बाद से राजद की जमीन पर अन्य दल कब्जा जमाते चले गए. पिछले चुनाव में राजद एक भी सीट नहीं जीत सकी थी, जबकि 2009 में पांच सीटों पर कब्जा जमाकर अपनी प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब हो सकी थी. राजद के एक नेता कहते हैं कि राजद को नेताओं का साथ कभी नहीं मिला. राजद के महत्वपूर्ण नेता पार्टी छोड़ते चले गए. उन्होंने कहा इस साल हुए लोकसभा चुनाव के पहले राजद की अध्यक्ष रहीं अन्नपूर्णा देवी पार्टी छोड़कर भाजपा में चली गईं और कोडरमा से सांसद बन गईं. इसी तरह गिरिनाथ सिंह पार्टी छोड़कर अन्यत्र चले गए.

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इस चुनाव में राजद पूरी ताकत के साथ अपनी खोई जमीन वापस लाने के लिए पसीना बहा रही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह कहते हैं कि इस चुनाव में पार्टी ने पांच ऐसी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जो सीटें 2009 के चुनाव में पार्टी के कब्जे में थी. सिंह भी मानते हैं कि इस चुनाव में लालू प्रसाद की कमी अखर रही है. उनके जैसा कोई स्टार प्रचारक नहीं है. राजद ने फिलहाल 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है, इसमें लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों को भी जगह दी गई है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष सिंह कहते हैं, 'पार्टी को लालू प्रसाद जैसे स्टार प्रचारक की कमी पिछले चुनाव से ही खल रही है. पार्टी को अभी तक उनके बराबर का नेता नहीं मिल पाया है. चुनावों में लालू प्रसाद को सुनने के लिए हर वर्ग के लोगों की भीड़ होती थी.'

झारखंड में विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव हो लालू का जलवा देखने के लिए उनकी चुनावी सभाओं में काफी भीड़ रहती थी. उल्लेखनीय है कि चर्चित चारा घोटाले के कई मामलों में सजा पा चुके लालू प्रसाद रांची की एक जेल में हैं. फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से वह रिम्स में भर्ती हैं. पार्टी के नेता-कार्यकर्ता जेल के नियम के मुताबिक उनसे मिलते हैं और रणनीतियां तय करते हैं, लेकिन नेताओं और कार्यकर्ताओं को कसक है कि इस चुनाव में लालू प्रसाद नहीं हैं.

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RJD Lalu Yadav Elections 2019 Jharkhand Poll
      
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