झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव 5 चरणों में होने जा रहे हैं. 30 नवंबर, 7, 12, 16 और 20 दिसंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना 23 दिसंबर को होगी. इसके लिए सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. कांग्रेस के लुभावने वादों के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. झामुमो ने रांची के करमटोली स्थित प्रेस क्लब में घोषणा पत्र जारी किया. इस मौके पर पार्टी के सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत मौजूद रहे. अपने घोषणापत्र में झामुमो ने 5 मुद्दों पर अपना जोर दिया है.
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जल, जंगल और जमीन की रक्षा
झामुमो ने अपने घोषणापत्र में सबसे पहले जल, जंगल और जमीन की रक्षा का वादा किया है. घोषणापत्र के मुताबिक, राज्य में झामुमो की सरकार बनने पर भूमि अधिग्रहण संसोधन कानून-2018 और भूमि बैंक की नीति को खत्म किया जाएगा. वनाधिकार कानून में किए गए बदलावों को रद्द किया जाएगा. वन क्षेत्र में रह रहे आदिवासियों और मूलवासियों को वन पट्टा देने के प्रावधान का सरलीकरण किया जाएगा. इसके अलावा झामुमो ने खनन और वन नीति में बदलाव का वादा किया है. साथ ही यह भी कहा गया कि विस्थापन का दंश झेल रहे सभी लोगों की सहायता के लिए सशक्त पुनर्वासन आयोग गठित किया जाएगा.
रोजगार
घोषणा पत्र ने झामुमो ने हर युवा को सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्रों में स्थायी रोजगार देने का वादा किया है. साथ ही सरकारी नौकरियों में राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिलाने की वादा भी किया है. निजी क्षेत्रों में भी नौकरियों में आरक्षण दिया जाएगा. झामुमो ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि मनरेगा के अंतर्गत 150 दिनों के रोजगार की गारंटी और रोजगार भत्ता दिया जाएगा. मनरेगा मजदूरी में भी वृद्धि की जाएगी. इसके अलावा गरीबी रेखा से नीचे वाले हर परिवार की महिला को 50 हजार रुपये स्वरोजगार के लिए दिलाने का वादा किया गया है.
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शिक्षा और स्वास्थ्य
झामुमो ने अपने घोषणापत्र में वादा किया कि महिलाओं और बच्चों में व्याप्त कुपोषण के खात्मे के लिए केंद्रीय सहायता से पोषण-मिशन की शुरुआत कराई जाएगी, जिसमें पीड़ितों को आर्थिक मदद का प्रावधान होगा. झामुमो ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर गरीब छात्रों को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए अनुदानित ब्याज पर लोन दिया जाएगा. झामुमो ने यह भी वादा किया कि कंपनियों के CSR और DMF के निधि से ग्रामीण क्षेत्रों में उच्चस्तरीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल और अस्पताल खोले जाएंगे.
मध्यवर्ग, महंगाई और गरीबी
झामुमो ने गरीब परिवार को हर साल 72 हजार रुपये देने की कांग्रेस की 'न्याय योजना' का समर्थन किया है और कहा है कि वो इस आर्थिक मदद को सामाजिक सरोकार के कार्यों से जोड़ने के पक्ष में है. अपने घोषणापत्र में झामुमो ने कहा है कि गरीबों को मिल रहे आवासों के आकार को बढ़ाने और उसे अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे. साथ ही पार्टी ने आयकर की छूट सीमा 8 लाख रुपये वार्षिक एवं महिलाओं के लिए 10 लाख रुपये वार्षिक करने का वादा किया है. इसके अलावा पेट्रोलियम पदार्थों को GST में शामिल कराने का वादा किया है.
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सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार
अपने आखिरी वादे में झामुमो ने सामाजिक न्याय एवं मानवाधिकार का जिक्र किया है. घोषणापत्र में कहा गया है कि राज्य में झामुमो की सरकार आने पर देश के संबंधित कानूनों में संसोधन कर छोटे-छोटे मामलों में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की शक्ति को खत्म कराने की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा एससी/एसटी अत्याचार निरोधी कानून को कमजोर करने हर षड्यंत्र का पुरजोर विरोध किया जाएगा. घोषणापत्र में झामुमो ने सामाजिक सेवाओं और राशन कार्ड में आधार की अनिवार्यता को खत्म करने का वादा किया है.
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