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झारखंड विधानसभा चुनाव( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
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झारखंड विधानसभा चुनाव( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य में 5 चरणों में चुनाव होंगे और 23 दिसंबर को नतीजे आएंगे. बीजेपी मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी करना चाहती है, जबकि झारखंड में 19 साल के राजनीतिक इतिहास में सत्ताधारी पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर सकी है. ऐसे में विपक्ष मिलकर रघुवर दास को घेरने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है.
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झारखंड की राजनीति इतनी जटिल है कि इस राज्य के गठन को 19 साल हो गए हैं. इस 19 साल में यहां 10 सीएम बन चुके हैं. अब तक झारखंड में रघुवर दास पहले सीएम हैं, जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है. इससे पहले राज्य में बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधू कोड़ा, हेमंत सोरेन सीएम बन चुके हैं, लेकिन इनमें से किसी मुख्यमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया था. इस तरह पांच साल का कार्यकाल पूरा कर रघुवर दास ने इतिहास रचा है.
सन् 2000 में झारखंड का गठन हुआ था. अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. इन चारों चुनाव में कोई भी पार्टी अकेले दम पर बहुमत पाने में कामयाब नहीं हो पाई है. 2014 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने 81 में 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद बीजेपी ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाने में कामयाब रही. सत्ता की कमान रघुवर दास को मिली थी.
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हालांकि, इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मिशन-65 प्लस का लक्ष्य रखा है. बीजेपी नेता ओम प्रकाश माथुर ने शुक्रवार को न्यूज नेशन से बातचीत में कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. अर्थात बीजेपी-एजेएसयू ने मिलकर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है. अगर महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में हमसे कुछ गलतियां हुई होंगी तो हम उनसे सीखेंगे. हम झारखंड विधानसभा चुनाव में 65 का टारगेट लेकर चल रहे हैं.
झारखंड के गठन के साथ ही 2000 में पहली बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब रही थी और बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले सीएम बने थे. बीजेपी ने अर्जुन मुंडा 3 बार और 2014 में रघुवर दास सीएम बने, जिनके नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर मैदान में उतरी है. वहीं, जेएमएम के शिबू सोरेन तीन बार और हेमंत सोरेन एक बार राज्य के सीएम बने हैं. एक बार निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा भी झारखंड के मुख्यमंत्री रहें. जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन सत्ता में एक बार फिर वापसी के लिए 'बदलाव यात्रा' पर निकले हैं और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं.