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जगतबालवपुर विधानसभा सीट पर किसका बजेगा डंका, जानिए पूरा हाल

साल 2016 में जगतबालवपुर विधानसभा सीट पर कुल 83 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से मोहम्मद अब्दुल घानी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैद्यनाथ बसु को 24,681 वोटों से करारी शिकस्त दी थी.

Updated on: 05 Mar 2021, 04:17 PM

कोलकाता:

जगतबालवपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में आती है. साल 2016 में जगतबालवपुर विधानसभा सीट पर कुल 83 फीसदी वोटिंग हुई थी. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से मोहम्मद अब्दुल घानी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैद्यनाथ बसु को 24,681 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. जगतबालवपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की सबसे महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों में से एक है. यह विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल में हावड़ा के अंतर्गत आती है. आपको बता दें कि साल 2016 में हुए जगतबालवपुर विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में कुल दो लाख पचपन हजार चार सौ उनसठ (2,55,459) मतदाता थे.

साल 2016 के विधानसभा चुनाव में जगतबालवपुर विधानसभा सीट से कुल दो लाख नौ हजार आठ सौ सड़सठ (2,09,867) मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया था. पश्चिम बंगाल की इस विधानसभा सीट पर 1,33,170 पुरुष मतदाताओं ने अपने मतदान का उपयोग किया था जबकि 1,22,287 महिला मतदाताओं ने अपने वोट का प्रयोग किया था. जगतबालवपुर विधानसभा सीट मौजूदा समय सत्तारूढ़ दल टीएमसी के हाथों में है. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से मोहम्मद अब्दुल घानी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैद्यनाथ बसु को 24,681 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. वहीं इस चुनाव में 20,065 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी कौशिक मुखर्जी रहे. 

साल 2016 में ऐसी रही वोटिंग
जगतबालवपुर विधानसभा सीट पर साल 2016 में में कुल 83 फीसदी मतदान हुआ था. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से मोहम्मद अब्दुल घानी ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैद्यनाथ बसु को 24,681 वोटों से करारी शिकस्त दी थी. जगतबालवपुर विधानसभा सीट हावड़ा जिले के अंतर्गत आती है. इस संसदीय क्षेत्र से ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रसून बनर्जी सांसद हैं. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के रंतिदेव सेन गुप्ता को 103695 से हराया था.

बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है, मुकुल रॉय, शुभेन्दु अधिकारी सहित टीएमसी के कई दिग्गज नेता अब बीजेपी टीएमसी को छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. इस लिहाज से अब जनता ही पश्चिम बंगाल की सियासत का परिणाम बताएगी.