पंजाब के जल, जंगल जमीन के विकृत संतुलन को ठीक करना जरूरी: भगवंत मान

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद और मुख्यमंत्री उम्मीदवार ने पंजाब की खराब आबोहवा पर गहरी चिंता जताते हुए पंजाब के पानी, जंगल और जमीन को बचाने की जरूरत पर जोर दिया है.

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद और मुख्यमंत्री उम्मीदवार ने पंजाब की खराब आबोहवा पर गहरी चिंता जताते हुए पंजाब के पानी, जंगल और जमीन को बचाने की जरूरत पर जोर दिया है.

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Deepak Pandey
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भगवंत मान( Photo Credit : फाइल फोटो)

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद और मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान ने पंजाब की खराब आबोहवा पर गहरी चिंता जताते हुए पंजाब के पानी, जंगल और जमीन को बचाने की जरूरत पर जोर दिया है. मान ने कहा कि आप सरकार पंजाब और आने वाली पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए खतरा बनी इस चुनौती से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी और इस अभियान के लिए प्रदेश की जनता, विशेषज्ञों तथा सामाजिक संगठनों समेत एनआरआई भाइचारे का गंभीरता से सहयोग लेगी.

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शनिवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में भगवंत मान ने कहा कि, ''पंजाब अपनी प्राचीन नदियों, नालों, पानी और उपजाऊ जमीन के लिए जाना जाता है, लेकिन आजादी के बाद पंजाब के लोगों ने भुखमरी से जूझ रहे देश की खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने जंगल, जमीन और पानी को खतरे में डाल दिया. यही कारण है कि पंजाब की जमीन, पानी और हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है." अगर सत्ताधारी पार्टियां कांग्रेस, अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के नेता पंजाब के लिए दूरदर्शी नीति और सहानुभूतिपूर्ण रखते, तो पंजाब के प्राकृतिक जल संसाधन, जंगल और उपजाऊ भूमि इतनी खराब नहीं होती.

इन पार्टियों ने कभी इस बात की परवाह नहीं की कि भूजल के लगातार नीचे गिरते स्तर और प्रदूषित हो रही हवा की गुणवत्ता में सुधार कैसे किया जाए. घटते प्राकृतिक स्रोत और नदी जल संसाधनों का कुशल उपयोग कैसे करें? फसलों के लिए खाद, कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? पेड़ों और जंगलों के नीचे के क्षेत्र को कैसे बढ़ाया जाए? इन सब बातों पर ध्यान देने की जरूरत है, जिसके बारे में कांग्रेस-कैप्टन और बादलों ने कभी गंभीरता से नहीं सोचा, क्योंकि ये सत्ताधारी पार्टियां भ्रष्ट और माफिया शासन के माध्यम से अपने खजाने भरने तक ही सीमित थे. रेत माफिया और भू-माफिया इसके स्पष्ट उदाहरण हैं, जिससे जल, जंगल और जमीन को काफी नुकसान हुआ है. यह भ्रष्टाचार का ही परिणाम है कि अच्छे भूजल के उपयोग के बाद निकलने वाले दूषित पानी को पंजाब की नदियों और नालों में भेजा जा रहा है, जिससे भूमि, जल और वायु का प्रदूषण बढ़ रहा है.

भगवंत मान ने कहा कि आज स्थिति यह है कि पंजाब की धरती का पानी लगभग खत्म होने की कगार पर है. पंजाब के मालवा, दोआबा और पुआध निर्वाचन क्षेत्रों में भूजल समाप्त हो गया है। हर साल भूजल का स्तर नीचे गिरता जा रहा है. वर्ष 1998 से वर्षा की दर में भी लगातार कमी आ रही है. पंजाब 147 ब्लॉकों में से लगभग 120 ब्लॉक को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है. 

मान ने कहा कि पंजाब में बिना किसी मास्टर प्लान के बड़ी संख्या में रिहायशी कॉलोनियां बसाई गई है, जिससे राज्य की प्राकृतिक धाराएं, नदियां, नाले और जंगल खत्म हो गए हैं. पंजाब में सिर्फ 6.12 फीसदी जंगल ही बचा है, जिस कारण पंजाब की जलवायु प्रदूषित होती जा रही है.

भगवंत मान ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस, अकाली दल और भाजपा के नेताओं ने पंजाब के पानी, जंगल और जमीन जैसे प्राकृतिक संसाधनों को लूटा और अपने खजाने भरे. मान ने कहा कि पंजाब से जंगलों, जमीन और पानी की भारी कमी पंजाबियों के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी की सरकार इन प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम करेगी ताकि पंजाब फिर से एक समृद्ध पंजाब बन सके.

Source : News Nation Bureau

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