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झारखंड में BJP को न 'राम' का मिला साथ न 'धारा 370' आई काम

झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. बीजेपी के नेताओं ने राम मंदिर और कश्मीर से धारा 370 हटाने के अपने फैसले को पूरे चुनाव प्रचार में जोर शोर से उठाया.

Updated on: 23 Dec 2019, 12:33 PM

रांची:

झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने राष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता से उठाया. बीजेपी के नेताओं ने राम मंदिर और कश्मीर से धारा 370 हटाने के अपने फैसले को पूरे चुनाव प्रचार में जोर शोर से उठाया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने चुनावी भाषणों में राष्ट्रीय मुद्दों को जोर शोर से उठाया. बीजेपी को उम्मीद थी कि कश्मीर से धारा 370 हटाने और राम मंदिर जैसे बड़े मुद्दों का उसे विधानसभा चुनाव में फायदा होगा लेकिन जनता ने इन मुद्दों को सिरे से नकार दिया.

राम मंदिर फैसले के बाद पहला चुनावी नतीजा
राममंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अपना फैला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आने के बाद से ही बीजेपी इसे अपनी जीत बता रही थी. झारखंड चुनाव में भी बीजेपी ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया. गृहमंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार में राम मंदिर का जिक्र करते हुए राम मंदिर निर्माण की तारीख तक बता दी. अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि अयोध्या में अगले चार महीने में आसमान छूता राममंदिर दिखाई देगा, लेकिन जनता ने इस मुद्दे को सिरे से नकार दिया.

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धारा 370 भी नहीं आई काम
अगस्त में बीजेपी ने कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 15ए खत्म कर कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया था. देशभर में बीजेपी के निर्णय को समर्थन मिला था. बीजेपी का मानना था कि इस मुद्दे पर उसे चुनाव में जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जनता ने इस मुद्दे को सिरे से नकारते हुए स्थानीय मुद्दों को ही प्रमुखता दी.

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नागरिकता संशोधन कानून का मिला फायदा
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में भले ही विरोध प्रदर्शन हो रहे हो लेकिन झारखंड चुनाव में इससे बीजेपी को फायदा हुआ है. 11 दिसंबर को नागरिकता संशोधन बिल राज्यसभा में पास हुआ. इसके अगले ही दिन 12 दिसंबर को झारखंड में तीसरे चरण की वोटिंग हुई. इसके बाद चौथे चरण की वोटिंग 16 दिसंबर और आखिरी चरण की वोटिंग की 20 दिसंबर को हुई. जानकारी के मुताबिक नागरिकता संशोधन कानून राज्यसभा में पास होने से पहले हुए सीटों पर बीजेपी सिर्फ 33 फीसद सीटों पर आगे चल रही है जबकि बिल पास होने के बाद 48 सीटों पर वोट डाले गए जिनमें बीजेपी 40 फीसद सीटों पर आगे चल रही है.