हरियाणा (Haryana) के बल्लभगढ़ (Ballabhagarh) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की रैली (14 अक्टूबर) से ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनाव का टोन सेट हो गया था. अपनी शुरुआती चार में से पहली रैली बल्लभगढ़ से करते हुए प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने हरियाणा के दो लाख पूर्व फौजियों के आंकड़े गिनाते हुए उन्हें वन रैंक वन पेंशन (One Rank One Pension) का लाभ मिलने की बात कही थी. प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) इस रैली में यूं तो कई मुद्दों पर बोले, मगर उन्होंने सेना (Military), जवान, राफेल (Rafale), राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security), अनुच्छेद 370 (Article 370), शहीदों के बच्चों को स्कॉलरशिप (Scholarship) जैसी बातों पर खास फोकस किया. मोदी ने जब राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को हरियाणा चुनाव (Haryana Assembly Election) में रैलियों के जरिए सेट किया तो अन्य दिग्गज नेता भी इसे फॉलो करते गए. माना जाता है कि हरियाणा में राष्ट्रवाद के मुद्दे को हवा देकर भाजपा की कोशिश मौजूदा व पूर्व जवानों के परिवार के वोट साधने की है.
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गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य कई नेताओं ने हरियाणा की चुनावी रैलियों में फिलहाल सबसे ज्यादा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को उठाया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हरियाणा में राष्ट्रीय सुरक्षा पर आक्रामक बातें कर भाजपा राष्ट्रवाद के कार्ड से विपक्ष के उठाए सभी मुद्दों को ध्वस्त करने की कोशिश में है.
जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने हालांकि इसको लेकर मोदी और शाह पर तंज कसते हुए कहा भी, "अब क्या वे हरियाणा में आकर बताएंगे कि राष्ट्रवाद क्या है? हरियाणा के जितने फौजी शहीद हुए हैं, उतने फौजी गुजरात आज तक सेना को नहीं दे पाया है."
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भाजपा ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले को हरियाणा की चुनावी रैलियों में यूं ही नहीं उठाना शुरू किया. दरअसल, यहां के लोगों का सेना से भावनात्मक जुड़ाव है. हरियाणा देश के उन छह प्रमुख राज्यों में है, जहां से सबसे ज्यादा युवा सेना में भर्ती होते हैं.
हरियाणा में दो लाख से ज्यादा रिटायर्ड फौजी हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना में हर दसवां जवान हरियाणा से है. सिर्फ रेवाड़ी से ही 25 हजार जवान हैं. पिछले पांच साल में ही 16 हजार से ज्यादा जवान भर्ती हुए हैं. सेना से जुड़े हर व्यक्ति के घर में दो से तीन वोट होते ही हैं. इसलिए भाजपा सैनिकों के परिवारों को साधने की कोशिश में है.
दरअसल, हरियाणा में बेहतर खानपान और खेलकूद को तवज्जो मिलने से यहां के युवा खिलाड़ी और सेना में करियर बनाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं. सेना में भर्ती की तैयारी के लिए हरियाणा के गांवों में सुबह-सुबह दौड़ लगाते युवाओं का दिखना आम है. हरियाणा सेना को कई अफसर दे चुका है. आर्मी चीफ रहे दलबीर सिंह सुहाग जहां हरियाणा के झज्जर जिले के हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह भी हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं.
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हरियाणा में 14 अक्टूबर की रैली में मोदी ने कहा था कि सरकार बनते ही शहीदों के बच्चों की स्कॉलरशिप बढ़ाने का फैसला लिया गया. उन्होंने कहा था, "पुलिस के, केंद्रीय बलों के हमारे जवान नक्सलियों और आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो जाते हैं, उनके बच्चों को भी इसके दायरे में लाया गया."
प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 और 35ए पर विपक्ष को खुली चुनौती देते हुए कहा, "यदि हिम्मत है तो स्पष्टता के साथ हरियाणा के सामने आएं और बताएं कि अगर ये चुनाव जीतकर आएंगे तो 370 और 35ए वापस लाएंगे. लोकसभा चुनाव तक अपने घोषणा पत्र में लिखें कि 'हम 370 वापस लाएंगे."